दिल्ली में वायु प्रदूषण से राहत का दौर खत्म हो गया है। एक दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स में मामूली सुधार हुआ था। लेकिन अब फिर से दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। आज (27 अक्टूबर 2024) दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिली है। राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों पर AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है। कई इलाकों का एक्यूआई 400 से पास से पार हो चुका है। वातावरण में कोहरे जैसी धुंध छाई हुई है। मौसम विभाग के मुताबिरक, राजधानी के मौसम में कोई खास बदलाव नहीं रहेगा। आसमान साफ रहेगा और दिन के समय धूप निकलेगी।
दिल्ली में मौसम को लेकर फिलहाल कोई अलर्ट नहीं जारी किया गया है। सुबह और शाम में हल्की सर्दी का एहसास रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली का अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। दिवाली तक मौसम ऐसा ही रहेगा। आईएमडी बुलेटिन के अनुसार 30-31 अक्टूबर के बाद से तापमान में गिरावट होना शुरू होगी। नवंबर के तीसरे सप्ताह तक ठंड बढ़ सकती है।
जानिए दिल्ली के किस इलाके में कितना है AQI
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board - CPCB) के अनुसार, आनंद विहार जैसे कुछ इलाकों में AQI 405 दर्ज किया गया है। यह बेहद खतरनाक श्रेणी में है। बवाना में AQI 398 पर पहुंच गया। रोहिणी में 380, आईटीओ 357, द्वाराका सेक्टर-8 335, मुंडका 356 एक्यूआई दर्ज किया गया है। जहांगीरपुरी में 404, विवेक विहार में 404, नेहरू नगर में 401, सोनिया विहार में 400, वाजीरपुर में 392, बुराड़ी में 392, अशोक विहार में 384, पड़पड़गंज में 374, पंजाबी बाग में 366, नॉर्थ कैंपस डीयू में 366, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 365, आईटीओ में 357, नरेला में 353, मंदिर मार्ग में 350, ओखला फेस-2 में 344, शादीपुर में 342, आईजीआई एयरपोर्ट में 320, आरके पुरम में 315, लोदी रोड़ में 314, दिलशाद गार्डन में 281 दर्ज किया गया है।
अगले 15 दिन बेहद अहम - गोपाल राय
इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उत्तर भारत में वायु प्रदूषण से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। राय ने कहा कि अगले 15 दिन बेहद अहम है। केंद्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में राय शामिल हुए थे। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और भूपेंद्र यादव के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्री भी शामिल हुए। इस बैठक का मकसद क्षेत्र में बिगड़ती वायु गुणवत्ता का आकलन करना और उसका समाधान करना था। हालांकि, उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।