Taiwanese Watermelon: खेती किसानी में किसान लाखों रुपये की आमदनी करते हैं। किसान गेहूं, मक्का, धान और अन्य फसलों की बुआई कर लाखों रुपये कमाते हैं। वहीं, बाढ़, बारिश और सूखे जैसी आपदा से किसानों को नुकसान भी होता है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को पारंपरिक खेती से अलग भी प्रयोग करने की जरूरत है। कुछ अलग आजमाकर भी किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही कन्नौज के किसान ने कर दिखाया है। इत्र नगरी उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के अमिताभ भदौरिया इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं।
तिर्वा के रहने वाले भदौरिया तरबूज के जरिए लाखों में कमाई कर रहे हैं। अब वो इस फल को विदेश में बेचने की तैयारी कर रहे हैं। वैसे भी गर्मी के मौसम में देश भर में तरबूज-खरबूज की खपत बढ़ जाती है। यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से शरीर हमेशा हाइड्रेट बना रहता है।
कन्नौज के किसान ने कर दिया कमाल
दरअसल, कन्नौज के तिर्वा क्षेत्र के रहने वाले किसान अमिताभ भदौरिया ने ताइवान से बीज आयात किए। इसके बाद तरबूज और खरबूज (watermelon and muskmelon) की एक अनूठी किस्म उगाई। किसान भदौरिया का यह दुर्लभ प्रयोग बेहद सफल रहा। उन्होंने तीन एकड़ खेत में इसकी फसल उगाई और करीब 4 लाख रुपये तक का फायदा हुआ। भदौरिया ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि ताइवानी तरबूज के उत्पादन से उन्हें लागत से 10-12 गुना मुनाफा हुआ। भदौरिया का कहना है कि गेहूं और चावल की खेती के मुकाबले तरबूज की खेती से काफी फायदा हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस खास फसल उगाने के लिए अलग विधि और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
भदौरिया ने बातचीत करते हुए आगे कहा कि फसल में फंगस हो या न हों, नियमित रूप से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव बेहद जरूरी है। भदौरिया ने बताया कि जल्द ही इस फल को अब विदेश में बेचने की तैयारी कर रहे हैं। तरबूज के इस किस्म की खेती मार्च महीने में की जाती है। इस ठंड के मौसम से भी बचाने की जरूरत है। एक एकड़ खेती में लागत करीब 20,000 रुपये आती है। इसमें लागत कम आती है और मोटा मुनाफा हासिल कर सकते हैं।
वहीं इस ताइवानी तरबूज का वजन करी 3 किलो से 3.50 कितो तक होता है। हर एक फल का वजन अलग-अलग होता है। इसके साथ ही यह फल काफी मीठा होता है। इस किस्म के ज्यादातर सभी फल मीठे होते हैं।