Vehicle Fitness Certificate: हर गाड़ी मालिक के लिए एक जरूरी जानकारी सामने आई है। गाड़ियों से जुड़ा एक नया नियम आया है। केंद्र सरकार ने देश में वाहनों के फिटनेस सार्टिफिकेट की वैलिडिटी के नियमों में बदलाव कर दिया है। सरकार ने केंद्रीय मोटर व्हिकल नियम (Central Motor Vehicle Rules) में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate) की वैलिडिटी तय कर दी गई है। ये नया नियम सिर्फ कार जैसे छोटे वाहनों पर नहीं, बल्कि ट्रक और बस जैसे बड़े और कमर्शियल वाहनों पर भी लागू होंगे।
बता दें कि फिटनेस सर्टिफिकेट (FC) एक ऐसा डॉक्यूमेंट होता है। जिससे यह पता चलता है कि कोई वाहन रोड पर चलने के लिए सभी मानकों को पूरा करती है या नहीं। किसी गाड़ी को जारी किया गया फिटनेस सर्टिफिकेट एक निश्चित अवधि के लिए ही होता है। वैलिडिटी खत्म होने से पहले ही इस सर्टिफिकेट को दोबारा बनवाना जरूरी होता है।
फिटनेस सार्टिफिकट के नियमों में हुए अहम बदलाव
नए नियमों के तहत 8 साल तक पुरानी गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट 2 साल तक वैलिड रहेगा। जबकि इससे ज्यादा पुरानी गाडि़यों का फिटनेस सर्टिफिकेट सिर्फ 1 साल तक ही वैलिड रहेगा। इन गाड़ियों का फिटनेस हर साल बनवाना जरूरी होगा। यह नियम कॉमर्शियल लाइट मोटर व्हिकल (LMVs) के अलावा बड़ी और मध्यम आकार की सामान और सवारी ढोने वाले वाहनों पर भी लागू होगा। सरकार की मंशा है कि सभी गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट एक निश्चित तय समय पर जरूर बनवाएं। वाहनों का का फिटनेस टेस्ट सिर्फ रजिस्टर्ड ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) से ही कराना होगा। एक नया नियम से भी लागू हो गया है कि जिस क्षेत्र से वाहन का रजिस्ट्रेशन किया गया है। उसी क्षेत्र में बने टेस्टिंग स्टेशन में वाहन का फिटनेस सार्टिफिकेट बनवा सकेंगे।
रिन्युवल के समय फिटनेस सार्टिफिकेट जरूरी
इससे पहले सरकार ने ऐसे गाड़ियों के फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए 1 अक्टूबर, 2024 तक का समय दिया था। नया नियम जिसे सेंट्रल मोटर व्हिकल रूल्स, 2023 के नाम से जाना जाता है। इसमें यह जरूरी किया गया है कि गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रिन्युवल कराते समय उसका फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाना बेहद जरूरी होगा।