केरल के वायनाड से आने वाली तस्वीरों ने पूरे देश को झकझोर दिया है। प्रकृति ने विनाश का ऐसा तांडव किया कि 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। वायनाड में भूस्खलन से 295 लोगों की मौत हो गई। करीब 200 लोग घायल हो गए और 240 से ज्यादा लोग अब लापता बताए जा रहे हैं। भूस्खलन प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला में सेना ने सर्च और रेस्क्यू अभियान में बुधवार तक 1,000 से ज्यादा लोगों को बचाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दावा किया कि 30 जुलाई को भूस्खलन से सात दिन पहले ही राज्य को चेतावनी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि 24 जुलाई को भी एक और चेतावनी दी गई थी। हालांकि, राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इन दावों को खारिज कर दिया।
वायनाड भूस्खलन (Wayanad Landslide) को लेकर राजनीति तो अपने-अपने स्तर पर चल ही रही है, लेकिन इस बीच एक बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या सच में इस आपदा को पहले ही रोका जा सकता था या उसके असर को कम किया जा सकत था?
एक दिन पहले दी भूस्खलन की चेतावनी
CNN-News18 ने अपनी ग्राउंड में रिपोर्ट में दावा किया, वायनाड के एक इकोलॉजी ग्रुप ने भी त्रासदी से ठीक एक दिन पहले भूस्खलन के बारे में चेतावनी दी थी। इसने अकेले वायनाड में 180 से ज्यादा मेजरिंग स्टेशन से रीडिंग के आधार पर भूस्खलन की भविष्यवाणी की थी।
इस इकोलॉजी ग्रुप ने मुंडक्कई और आसपास के इलाकों में भूस्खलन के बारे में सरकार और स्थानीय पंचायत को चेतावनी दी थी।
वायनाड में ह्यूम सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड वाइल्डलाइफ बायोलॉजी ने पूरे वायनाड को 25-स्क्वायर मीटर ग्रिड में बांटा है। इसने हर एक ग्रिड में तापमान रिकॉर्डिंग डिवाइस के साथ कम से कम एक रेन गेज यानी बारिश की मात्रा मापना वाला डिवाइस भी लगाया।
इन इलाकों के लिए भी थी चेतावनी
संगठन ने आकलन किया है कि 48 घंटे में 600 mm से ज्यादा बारिश के कारण मुंडक्कई में भूस्खलन हो सकता है। आंकड़ों से पता चलता है कि भूस्खलन से 48 घंटे पहले ही मुंडक्कई में 570 mm से ज्यादा बारिश हुई थी।
समूह ने चेतावनी दी थी कि लक्कीडी, कप्पिक्कलम, सुगंधगिरी, थोंडरनाड, कुरुम्बालाकोट्टा और मणिक्कुन्नुमाला क्षेत्रों में ज्यादा भूस्खलन हो सकता है।
पंचायत को भी सतर्क कर दिया गया था
ह्यूम सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड वाइल्डलाइफ बायोलॉजी के डायरेक्टर विष्णु दास ने कहा, "केंद्र ने हमें चेतावनी भेजी और यहां तक कि पंचायत को भी सतर्क कर दिया गया था। 2019 में एक डिटेल स्टडी के बाद हमने सरकार को बता दिया था कि मुंडक्कई का अस्तित्व बहुत लंबे समय तक नहीं रहेगा।
वहीं अमित शाह ने भी कहा कि केरल सरकार ने शुरुआती चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और राज्य में NDRF की बटालियन के पहुंचने पर भी सतर्क नहीं हुई। गृह मंत्री ने दावा किया कि अगर केरल सरकार NDRF की टीम के वहां पहुंचते ही सतर्क हो गई होती और कार्रवाई की होती, तो नुकसान को कम किया जा सकता था।
यह 'दोषारोपण’ का समय नहीं: केरल CM
केरल के मुख्यमंत्री ने शाह को दावों को खारिज करते हुए कहा कि भूस्खलन से पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जिले के लिए केवल ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया था। हालांकि, जिले में 500 mm से ज्यादा बारिश हुई, जो IMD के फोरकास्ट से बहुत ज्यादा थी।
विजयन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मंगलवार सुबह भूस्खलन के बाद ही जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था।" मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि यह 'दोषारोपण’ का समय नहीं है।