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Wayanad Landslide: सैटेलाइट तस्वीरों में देखें केरल के वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही का मंजर

Wayanad Landslide: भारतीय उपग्रहों द्वारा ली गई हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें वायनाड में भूस्खलन के कारण हुई व्यापक क्षति और तबाही को दर्शाती हैं। भूस्खलन से पहले और बाद की तस्वीरों से पता चलता है कि लगभग 86,000 वर्ग मीटर जमीन खिसक गई और मलबा इरुवाइफुझा नदी के किनारे लगभग 8 किलोमीटर तक बह गया

अपडेटेड Aug 01, 2024 पर 7:39 PM
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Wayanad Landslide: भूस्खलन में कम से कम 256 लोगों की जान चली गई है

Wayanad Landslide Satellite Images: केरल के पहाड़ी शहर वायनाड में हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन के दो दिन बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस क्षेत्र में हुए व्यापक तबाही की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। मंगलवार (30 अगस्त) को वायनाड में हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन में कम से कम 256 लोगों की जान चली गई और 206 लोग लापता हो गए। भारतीय सेना, NDRF और स्थानीय प्रशासन ने इस त्रासदी में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान चलाया है।

भारतीय उपग्रहों द्वारा ली गई हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें वायनाड में भूस्खलन के कारण हुई व्यापक क्षति और तबाही को दर्शाती हैं। भूस्खलन से पहले और बाद की तस्वीरों से पता चलता है कि लगभग 86,000 वर्ग मीटर जमीन खिसक गई और मलबा इरुवाइफुझा नदी के किनारे लगभग 8 किलोमीटर तक बह गया।

भारी बारिश के कारण भूस्खलन 1,550 मीटर की ऊंचाई पर हुआ। NRSC (National Remote Sensing Center) की रिपोर्ट के अनुसार, चूरलमाला शहर और उसके आसपास मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर मलबा आने से भूस्खलन और भी बढ़ गया। भूस्खलन का पूरा एरिया 86,000 वर्ग मीटर है।


सैटेलाइट तस्वीरों में भूस्खलन से पहले और बाद की स्थिति को दर्शाया गया है, जहां मलबे के बहाव ने नदी को चौड़ा कर दिया। इसके बाद नदी के किनारे के घरों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान पहुंचा। पहाड़ी एरिया का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है।

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सैटेलाइट डेटा उसी स्थान पर एक पुराने भूस्खलन की उपस्थिति का भी संकेत देता है, जो इस तरह की आपदाओं के लिए क्षेत्र की संवेदनशीलता को उजागर करता है। बचाव दलों ने गुरुवार को वायनाड में कई स्थानों पर बचाव कार्य फिर से शुरू किया। केरल के मंत्री के राजन ने कहा कि बचाव अभियान में 1600 से अधिक बल शामिल हैं।

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भूस्खलन का प्रभाव इतना विनाशकारी था कि पूरे गांव जमींदोज हो गए हैं। अभी भी कई निवासियों के मिट्टी की मोटी परतों के नीचे दबे होने की आशंका है। भारतीय सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मियों सहित बचाव दल जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। सैटेलाइट इमेजरी से प्राप्त निष्कर्ष न केवल तत्काल बचाव प्रयासों में सहायता करेंगे, बल्कि क्षेत्र की भूवैज्ञानिक कमजोरियों को समझने में भी योगदान देंगे। इससे संभावित रूप से भविष्य की आपदा तैयारियों और शमन रणनीतियों की जानकारी मिल सकेगी।

वायनाड जिले में मंगलवार (30 जुलाई) तड़के मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को प्रभावित किया, जिसमें अब तक महिलाओं और बच्चों सहित 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

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केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित मुंडक्कई क्षेत्र में बचाव अभियान अभी कुछ और दिन तक जारी रहेगा। विजयन ने बचाव प्रयासों के समन्वय के लिए चार मंत्रियों वाली एक मंत्रिमंडीय उपसमिति भी गठित की। चारों मंत्री बचाव अभियान में समन्वय के लिए वायनाड में ही रुकेंगे। विजयन ने सर्वदलीय बैठक के बाद बचावकर्मियों, खासकर भारतीय सेना के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बचावकर्मियों ने सराहनीय काम किया है।

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