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Omicron का नया वेरिएंट BA.2 कितना खतरनाक और अलग है? क्या हमें चिंता करनी चाहिए? जानें सभी सवालों के जवाब

Coronavirus सैंपलों का 93 प्रतिशत कवर करने वाला ओमीक्रोन वेरिएंट के कई अलग-अलग सब-वेरिएंट्स हैं

अपडेटेड Feb 03, 2022 पर 12:37 PM
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विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओरिजिनल वेरिएंट BA.1 की तुलना में BA.2 ज्यादा गंभीर नहीं लगता है, हालांकि अभी डिटेल स्टडी चल रहा है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस (Coronavirus) के अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) का BA.2 नामक एक नया सब-वेरिएंट पाया गया है और कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि यह ओरिजिनल वेरिएंट की तुलना में और भी अधिक संक्रामक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि ओमीक्रोन का नया वेरिएंट BA.2 बहुत तेजी से फैल रहा है और अब तक यह 57 देशों में पाया जा चुका है।

WHO ने कहा कि पिछले महीने एकत्र किए गए सभी कोरोनावायरस सैंपलों का 93 प्रतिशत कवर करने वाला ओमीक्रोन वेरिएंट के कई अलग-अलग सब-वेरिएंट्स हैं। इनमें BA.1, BA.1.1, BA.2 और BA.3 जैसे सब-वेरिएंट शामिल हैं।

WHO के मुताबिक, दुनियाभर में सामने आए ओमीक्रोन के मामलों में BA.1 सबसे खास है। यही ओमीक्रोन का ओरिजिनल वर्जन भी है, लेकिन ब्रिटेन, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया समेत 50 से अधिक देशों में BA.2 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बता दें किओमीक्रोन का पता दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका में चला था और दो महीनों से कम समय में यह पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया।


BA.2 ओरिजिनल वेरिएंट की तुलना में कितना खतरनाक है?

WHO के मुताबिक, BA.2 मूल वायरस से थोड़ा अलग है और इसके मामलों में स्पष्ट वृद्धि देखी जा रही है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि BA.2 के मामले 57 देशों द्वारा रिपोर्ट किए गए हैं। कुछ देशों में तो ओमीक्रोन के कुल मामलों के आधे इसी के हैं। संगठन ने बताया है कि इस म्यूटेंट में स्पाइक प्रोटीन भी शामिल है जो वायरस की सतह को डॉट करता है और मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है।

स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि BA.2 सब वेरिएंट म्यूटेशन के मामले 57 देशों से GISAID को प्रस्तुत किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि इस सब-वेरिएंट के बारे में अभी तक बहुत कम जानकारी उपलब्ध हो सकी है, इसलिए इस पर डिटेल स्टडी के लिए कहा गया है, ताकि इसकी संक्रामकता का पता लगाया जा सके। शुरुआती आंकड़े ऐसा संकेत देते हैं कि BA.1 के मुकाबले BA.2 की वृद्धि थोड़ी ज्यादा है।

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डेनमार्क में दिसंबर से जनवरी के बीच 8,500 परिवारों पर हुई स्टडी में सामने आया कि BA.1 वेरिएंट की तुलना में BA.2 ज्यादा संक्रामक है। वैक्सीनेटेड वाले लोग भी इसकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं। हालांकि, हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन अब भी गंभीर बीमारी से बचाने में कारगर है। उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमित होने पर भी वैक्सीन गंभीर बीमारी से बचाती है।

BA.2 कितना अलग है?

वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनेगा। WHO की कोविड रिस्पॉन्स टीम से जुड़े डॉ. बोरिस पॉवलिन ने बताया कि डेनमार्क में ओमीक्रोन का सब-वेरिएंट BA.2 अब BA.1 वेरिएंट को रिप्लेस करने लगा है। डेनमार्क में ही BA.2 के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि डेनमार्क से मिले आंकड़ों के आधार पर सामने आया है कि BA.2 और BA.1 वेरिएंट में बीमारी की गंभीरता में कोई अंतर नहीं है।

उन्होंने कहा कि BA.2 में BA.1 वेरिएंट को रिप्लेस करने की क्षमता है। WHO के मुताबिक, शुरुआती स्टडी में पाया गया है कि शायद आगे चलकर BA.2 वेरिएंट मूल Omicron BA.1 की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि पूर्ण वैक्सीनेशन वाले लोग BA.1 की तुलना में BA.2 के लिए 2.5 गुना अधिक संवेदनशील होते हैं जबकि जिन लोगों को बूस्टर डोज लिया है वे लगभग तीन गुना अधिक संवेदनशील होते हैं।

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