अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि उनके प्रशासन ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल भारतीय जांच एजेंसियों की लिस्ट में वांटेड और ‘बहुत बुरे’ व्यक्ति तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा फिलहाल लॉस एंजिलिस के एक मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। माना जाता है कि वह मुंबई के 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है।
जनवरी में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने राणा की समीक्षा याचिका खारिज कर दी और उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह राणा के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है।
तहव्वुर राणा पेशे से एक फिजिशियन है, लेकिन उसके कई चेहरे हैं, जैसे एक इमिग्रेशन आंत्रप्रेन्योर, भारत के लिए गहरी नफरत रखने वाला एक कट्टरपंथी और लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी, जो संगठन के लिए फाइनेंस मैनेज करता है।
वह ISI के मेजर इकबाल का विश्वासपात्र था, जो मुंबई में समुद्र के रास्ते आतंकी हमले की साजिश रच रहा था। इस हमले को भारत की तत्कालीन सरकार ने पाकिस्तान की ओर से एक अघोषित युद्ध माना था और जवाबी कार्रवाई की मांग शुरू कर दी थी।
हमलों से ठीक पहले मुंबई आया था तहव्वुर राणा
राणा ने हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमलों की नींव रखी, जो लश्कर और इंडियन मुजाहिदीन जैसे संगठनों के जरिए ISI की तरफ से कराया सबसे घातक आतंकवादी हमला साबित हुआ।
जांचकर्ताओं का कहना है कि राणा हमलों से पहले दुबई के रास्ते मुंबई पहुंचा था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यवस्थाओं को सटीक तरीके से अंजाम दिया गया था।
एक पुलिस दस्तावेज में कहा गया है, "उसने 2008 में 11 से 21 नवंबर के बीच अपनी भारत यात्रा के दौरान पवई में होटल रेनेसां में चेक-इन किया था। उसके जाने के पांच दिन बाद ये हमले हुए।"
तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली की बातचीत
मुंबई पुलिस ने 2023 में तहव्वुर राणा के खिलाफ 400 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। 26/11 मामले में यह चौथी चार्जशीट थी। इस चार्जशीट में हमलों में राणा की भूमिका बारे में बताया था।
चार्जशीट में कहा गया है कि राणा ने डेविड हेडली को फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारत का टूरिज्म वीजा दिलाने में मदद की थी। क्राइम ब्रांच को हेडली और राणा के बीच ईमेल भी मिले हैं, जिसमें उन्होंने ISI के मेजर इकबाल के बारे में बात की थी, जो 26/11 हमलों का सह-साजिशकर्ता भी था।
तहव्वुर राणा की डेविड कोलमैन हेडली के साथ हुई बातचीत की ट्रांसस्क्रिप्ट भी सामने आई थी, जिसमें कहा गया था, "मुंबई हमलों में शामिल मुजाहिदीनों को पाकिस्तान का सर्वोच्च मरणोपरांत सैन्य सम्मान मिलना चाहिए।" अमेरिकी न्याय विभाग ने 2013 में राणा की सजा के आदेश में इस बातचीत को एक अहम सबूत की तरह पेश किया था।