Advance Agrolife IPO: राजस्थान बेस्ड एग्रोकेमिकल्स कंपनी एडवांस एग्रोलाइफ का IPO आज 30 सितंबर को सार्वजनिक बोली के लिए खुल गया है। कंपनी का लक्ष्य पूरी तरह से फ्रेश इश्यू के माध्यम से ₹193 करोड़ जुटाना है। कृषि क्षेत्र की इस कंपनी को लेकर निवेशकों के बीच उत्साह देखा जा रहा है। लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में इसके शेयरों का अच्छा प्रीमियम देखने को मिल रहा है। पूरी डिटेल्स के साथ आइए आपको बताते हैं इस आईपीओ पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय।
एडवांस एग्रोलाइफ IPO की डिटेल्स
एडवांस एग्रोलाइफ का यह आईपीओ ₹193 करोड़ का है, जो 1.93 करोड़ इक्विटी शेयरों का एक फ्रेश इश्यू है। इसमें ऑफर-फॉर-सेल (OFS) का कोई हिस्सा नहीं है।इस इश्यू के लिए प्राइस बैंड ₹95-100 प्रति शेयर तय किया गया है। निवेशक न्यूनतम 150 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए ऊपरी प्राइस बैंड पर ₹15,000 का निवेश आवश्यक होगा। शेयरों का अलॉटमेंट 6 अक्टूबर तक फाइनल होने की संभावना है, और शेयर 8 अक्टूबर को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होंगे।
फ्रेश इश्यू से प्राप्त राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार में किया जाएगा। कंपनी ₹135 करोड़ को वित्तीय वर्ष 2026-27 में अपनी वर्किंग कैपिटल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खर्च करेगी, जबकि शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
कैसा है कंपनी का प्रदर्शन?
एडवांस एग्रोलाइफ कंपनी की स्थापना 2009 में हुई थी और यह कीटनाशक, खरपतवारनाशक, फफूंदीनाशक और प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर्स जैसे उत्पाद बनाती और बेचती है। इस आईपीओ लॉन्च के साथ कंपनी का वैल्यूएशन ₹643 करोड़ आंका गया है। मार्च 2025 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कंपनी ने ₹25.6 करोड़ का लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष के ₹24.7 करोड़ के मुकाबले 3.66 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान राजस्व में भी 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो ₹455.9 करोड़ से बढ़कर ₹502.3 करोड़ हो गया।
SBI सिक्योरिटीज ने अपनी हालिया आईपीओ नोट में इस इश्यू को 'न्यूट्रल' रेटिंग दी है, यानी इसमें बहुत अधिक जोखिम या लाभ की संभावना नहीं है। विश्लेषकों ने कंपनी की एकीकृत विनिर्माण सुविधाओं, विविध प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को इसके मुख्य आकर्षण के रूप में देखा है। हालांकि विश्लेषकों ने कुछ प्रमुख जोखिमों पर भी प्रकाश डाला है।कंपनी का व्यवसाय सरकारी नीतियों और किसानों को मिलने वाली सब्सिडी पर निर्भर है, इसलिए नियमों में किसी भी प्रतिकूल बदलाव का व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। वित्तीय वर्ष 2023 में कंपनी के बकाया देनदारी डेज 78 दिन थे, जो वित्तीय वर्ष 2025 में बढ़कर 111 दिन हो गए हैं। व्यापार प्राप्तियों को वसूलने में कोई भी विफलता कंपनी के कारोबार को प्रभावित कर सकती है।
कंपनी का वैल्यूएशन उसके प्रतिद्वंद्वी Dharmaj Crop Guard जैसी कंपनियों के मुकाबले सस्ता है, इसलिए जो निवेशक लंबी अवधि के लिए एग्रोकेमिकल सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, वे जोखिमों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार कर सकते हैं।
लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में Investorgain के अनुसार एडवांस एग्रोलाइफ IPO के अनलिस्टेड शेयर इश्यू प्राइस पर 15 प्रतिशत के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे थे। हालांकि, IPO वॉच के आंकड़ों के अनुसार, यह प्रीमियम लगभग 10 प्रतिशत के आसपास है। फिलहाल यह प्रीमियम एक मजबूत लिस्टिंग गेन की संभावना की ओर इशारा कर रहा है।
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