Bluestone Jewellery IPO: ब्लूस्टोन ज्वैलरी एंड लाइफस्टाइल फंड जुटाने के लिए अपना आईपीओ लाने जा रही है। कंपनी ने 11 दिसंबर को इसके लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल कर दिया है। ब्लूस्टोन ज्वैलरी में एक्सेल, पीक XV पार्टनर्स और सुनील कांत मुंजाल का निवेश है। इस आईपीओ के तहत 1000 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, 2.39 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए की जाएगी।
Bluestone Jewellery IPO से जुड़ी डिटेल
एक्सेल इंडिया, सामा कैपिटल, कलारी कैपिटल पार्टनर्स, IvyCap वेंचर्स ट्रस्ट, आयरन पिलर फंड और सुनील कांत मुंजाल (और हीरो एंटरप्राइज पार्टनर वेंचर्स के अन्य पार्टनर्स) ऑफर-फॉर-सेल में सेलिंग शेयरहोल्डर होंगे। सामा कैपिटल II, कलारी कैपिटल पार्टनर्स II, कलारी कैपिटल पार्टनर्स ऑपर्चुनिटी फंड और IvyCap वेंचर्स ट्रस्ट - फंड 1 अपनी पूरी शेयरहोल्डिंग बेचकर ब्लूस्टोन ज्वैलरी से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं।
देश के दूसरे सबसे बड़े डिजिटल-फर्स्ट ज्वैलरी ब्रांड में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 18.47 फीसदी है, जिसमें गौरव सिंह कुशवाह (17.81 फीसदी शेयर) शामिल हैं, और शेष 81.53 फीसदी हिस्सेदारी कई पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है। एक्सेल इंडिया 17.12 फीसदी हिस्सेदारी के साथ निवेशकों में सबसे बड़ा शेयरधारक है।
नए इश्यू से होने वाली आय का इस्तेमाल मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाएगी। पब्लिक इश्यू के लिए नियुक्त मर्चेंट बैंकर एक्सिस कैपिटल, आईआईएफएल कैपिटल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी हैं।
Bluestone Jewellery का कारोबार
मुंबई स्थित यह कंपनी अपने प्रमुख ब्रांड ब्लूस्टोन के तहत लाइफस्टाइल वाले हीरे, सोने, प्लेटिनम और जड़ाऊ आभूषण प्रोवाइड करती है, जिसका बिजनेस भारत के 86 शहरों में 203 स्टोर के साथ फैला हुआ है। ज्वैलरी रिटेलर का मुकाबला टाइटन कंपनी, कल्याण ज्वैलर्स इंडिया, सेनको गोल्ड और थंगमायिल ज्वैलरी जैसी कई लिस्टेड कंपनियों से होगा, जो रेवेन्यू के मामले में कंपनी से बड़ी हैं।
Bluestone Jewellery का फाइनेंशियल
ब्लूस्टोन घाटे में चल रही कंपनी है, हालांकि पिछले सालों में इसकी आय मजबूत रही है। मार्च 2024 को समाप्त वर्ष में इसने 142.2 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष के 167.2 करोड़ रुपये के घाटे से कम है। इसी अवधि के दौरान रेवेन्यू में 64.2 फीसदी की तेज वृद्धि हुई और यह 1265.8 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल 770.7 करोड़ रुपये था।