पार्क मेडी वर्ल्ड का पब्लिक इश्यू 10 दिसंबर को खुलने जा रहा है। कंपनी 920 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इसमें 12 दिसंबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे। पार्क मेडी वर्ल्ड नॉर्थ इंडिया में पार्क हॉस्पिटल ब्रांड के तहत हॉस्पिटल चेन चलाती है। कंपनी ने IPO के लिए प्राइस बैंड 154-162 रुपये प्रति शेयर तय किया है। लॉट साइज 92 शेयर है। इस पब्लिक इश्यू में एंकर इनवेस्टर 9 दिसंबर को बोली लगा सकते हैं।
IPO बंद होने के बाद अलॉटमेंट 15 दिसंबर को फाइनल होगा। शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 17 दिसंबर को हो सकती है। पार्क मेडी वर्ल्ड के IPO में 770 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। साथ ही प्रमोटर डॉ. अजीत गुप्ता की ओर से 150 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर-फॉर-सेल के जरिए बेचे जाएंगे।
प्रमोटर्स के पास पार्क मेडी वर्ल्ड में 95.55 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बाकी की 4.55 प्रतिशत शेयर पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास हैं। कंपनी में अबाकस एसेट मैनेजर, कार्नेलियन, SBI जनरल इंश्योरेंस कंपनी, सत्व डेवलपर्स और उरुदवन इनवेस्टमेंट की भी शेयरहोल्डिंग है।
IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल
पार्क मेडी वर्ल्ड अपने पब्लिक इश्यू में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों में से 380 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उधार चुकाने के लिए करेगी। अक्टूबर 2025 तक, कंपनी पर कंसोलिडेटेड बेसिस पर कुल 624.3 करोड़ रुपये का उधार था। इसके अलावा 60.5 करोड़ रुपये का इस्तेमाल सब्सिडियरी पार्क मेडिसिटी (NCR) द्वारा नए हॉस्पिटल के डेवलपमेंट के लिए, 27.4 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी और सब्सिडियरीज द्वारा मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने के लिए और बाकी रकम का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। पार्क मेडी वर्ल्ड NABH से मान्यता प्राप्त 14 मल्टी-सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल चलाती है। इनमें से 8 अस्पताल हरियाणा में, एक नई दिल्ली में, 3 पंजाब में और 2 राजस्थान में हैं।
Park Medi World की वित्तीय सेहत
कंपनी ने अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान 139.1 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। यह एक साल पहले के 112.9 करोड़ रुपये के मुनाफे से 23.3 प्रतिशत ज्यादा है। इसी अवधि में रेवेन्यू 17 प्रतिशत बढ़कर 808.7 करोड़ रुपये हो गया, जो सितंबर 2024 छमाही में 691.5 करोड़ रुपये था। पार्क हॉस्पिटल के IPO को मैनेज करने वाले मर्चेंट बैंकर नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट, CLSA इंडिया, DAM कैपिटल एडवाइजर्स और इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज हैं। IPO में 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है।
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