Swiggy IPO की तैयारी जोरों पर, एक और लिस्टेड कंपनी Zomato से सीखें ये बातें

Swiggy IPO: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी के ग्रुप सीईओ श्रीहर्ष मजेती (Sriharsha Majety) ने वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) के मौके पर मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि इसे लेकर सभी तरह की तैयारियां चल रही हैं। यह आईपीओ इसी साल लाने की योजना है और इसका साइज करीब 100 करोड़ डॉलर का हो सकता है

अपडेटेड Jan 16, 2024 पर 8:30 AM
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स्विगी और जोमैटो एक ही कारोबारी रास्ते पर हैं। हाल ही में दोनों कंपनियों ने स्वीकार किया था कि उनका कोर बिजनेस यानी फूड बिजनेस उनके अनुमान से अधिक सुस्त रही।

Swiggy IPO: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी के ग्रुप सीईओ श्रीहर्ष मजेती (Sriharsha Majety) ने वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) के मौके पर मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि इसे लेकर सभी तरह की तैयारियां चल रही हैं। यह आईपीओ इसी साल लाने की योजना है और इसका साइज करीब 100 करोड़ डॉलर का हो सकता है। श्रीहर्ष ने बताया कि बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों को शामिल कर लिया है और बाकी तैयारियां भी चल रही है। स्विगी की प्रतिद्वंद्वी जोमैटो (Zomato) ने स्टॉक मार्केट में 2021 में एंट्री मारी थी और तब से ही यह लिस्टिंग की तैयारियों में जुटी है। श्रीहर्ष ने कहा कि जोमैटो की लिस्टिंग से स्विगी को काफी कुछ समझने में मदद मिली है।

स्विगी ने पिछले साल फरवरी में डेल्हीवरी के फाउंडर और सीईओ साहिल बरुआ, TAFE के चेयरमैन और एमडी मल्लिका श्रीनिवासन और शैलेश हरिभक्ति एंड एसोसिएट्स के चेयरमैन शैलेश हरिभक्ति को अपने बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया था। पिछले महीने दिसंबर 2023 में कंपनी ने एफएमसीजी के दिग्गज आनंद कृपालु को एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में अपने बोर्ड में शामिल किया और उन्हें चेयरपर्सन के रूप में भी नामित किया। यह एक और संकेत है कि इसकी आईपीओ की तैयारी पूरे जोरों पर है।

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Zomato की लिस्टिंग से कैसी मदद मिली?

स्विगी के ग्रुप सीईओ के मुताबिक जोमैटो की लिस्टिंग के बाद से ही यह लिस्ट होने की तैयारी में है। श्रीहर्ष ने कहा कि जोमैटो की लिस्टिंग ने स्विगी को खुदरा निवेशकों के बारे में और अधिक समझने और फूड डिलीवरी मार्केट को लेकर उनके नजरिए को समझने में मदद मिली। उन्होंने आगे कहा कि लिस्टिंग कंपनी के रूप में कम्यूनिकेशन कैसे मैनेज होता है, पब्लिक कंपनी का गाइडेंस कैसे मैनेज होता है, किस चीज की अधिक जांच होती है और किस की नहीं, इसे समझने में मदद मिली। श्रीहर्ष ने मार्केट की चाल को समझने के लिए जोमेटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल के साथ-साथ और भी लिस्टेड टेक कंपनियों के फाउंडर्स से बातचीत की।

Swiggy के कारोबार की कैसी है हालत

स्विगी और जोमैटो एक ही कारोबारी रास्ते पर हैं। हाल ही में दोनों कंपनियों ने स्वीकार किया था कि उनका कोर बिजनेस यानी फूड बिजनेस उनके अनुमान से अधिक सुस्त रही। जोमैटो की तरह स्विगी का मानना है कि इसके अगले चरण की ग्रोथ क्विक-कॉमर्स डिविजन से आएगी। श्रीहर्ष का कहना है कि इसके ओवरऑल रेवेन्यू में इनवेस्टमार्ट की हिस्सेदारी बढ़ रही है और यह पूरे ग्रुप के लिए ग्रोथ ड्राइवर की तरह है। उनका तो यहां तक मानना है कि जल्द ही स्विगी का क्विक कॉमर्स बिजनेस इनवेस्टमार्ट इसके फूड डिलीवरी बिजनेस से भी बड़ा हो जाएगा। जोमैटो का भी ऐसा ही मानना है।

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