Snapdeal IPO: पेरेंट कंपनी ऐसवेक्टर ने जमा किया अपडेटेड ड्राफ्ट, रहेंगे ₹300 करोड़ के नए शेयर

Snapdeal IPO: ऐसवेक्टर प्री-IPO प्लेसमेंट के तहत 60 करोड़ रुपये तक जुटा सकती है। कंपनी में सॉफ्टबैंक की सब्सिडियरी स्टारफिश का भी पैसा लगा हुआ है। IIFL कैपिटल सर्विसेज और CLSA India को IPO को मैनेज करने के लिए मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया गया है

अपडेटेड Dec 07, 2025 पर 9:28 AM
Story continues below Advertisement
प्रमोटर्स के पास AceVector में 66.43 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस स्नैपडील के IPO के लिए पेरेंट कंपनी ऐसवेक्टर ने अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) SEBI के पास जमा कर दिया है। IPO में 300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे, साथ ही मौजूदा शेयरहोल्डर्स की ओर से 6.38 करोड़ इक्विटी शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) रहेगा। ऐसवेक्टर को कुणाल बहल और रोहित बंसल ने शुरू किया। कंपनी में सॉफ्टबैंक की सब्सिडियरी स्टारफिश का भी पैसा लगा हुआ है।

OFS में स्टारफिश के साथ-साथ, नेक्सस, वंडरफुल स्टार, केनेथ स्टुअर्ट ग्लास, प्रियंका श्रीवर खेरुका, जेसन अशोक कोठारी, रूपेन इनवेस्टमेंट और सेंटॉरस ट्रेडिंग शेयरों को बिक्री के लिए रखेंगे। स्नैपडील के IPO के लिए ऐसवेक्टर ने कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट इस साल जुलाई में जमा किया था। यह नवंबर में अप्रूव हुआ। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।

ऐसवेक्टर Snapdeal IPO के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) जमा करने से पहले प्री-IPO प्लेसमेंट के तहत 60 करोड़ रुपये तक जुटा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो IPO में नए शेयरों के इश्यू का साइज घट जाएगा। प्रमोटर्स के पास AceVector में 66.43 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसमें से स्टारफिश की शेयरहोल्डिंग 30.68 प्रतिशत है। बाकी 33.57 प्रतिशत शेयर पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास हैं। इनमें नेक्सस इंडिया, eBay सिंगापुर सर्विसेज, वंडरफुल स्टार, डनियरन इनवेस्टमेंट्स और PI अपॉर्चुनिटीज फंड शामिल हैं।


IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल

Snapdeal IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों में से 125 करोड़ रुपये का इस्तेमाल मार्केटप्लेस बिजनेस की मार्केटिंग और बिजनेस प्रमोशन पर खर्च के लिए किया जाएगा। इसके अलावा 55 करोड़ रुपये मार्केटप्लेस बिजनेस के टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। बाकी पैसों का इस्तेमाल इनऑर्गेनिक ग्रोथ और आम कॉरपोरेट कामों के लिए किया जाएगा।

ऐसवेक्टर, स्नैपडील के साथ-साथ सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) प्लेटफॉर्म यूनिकॉमर्स और कंज्यूमर ब्रांड बिल्डिंग फर्म स्टेलर ब्रांड्स को भी ऑपरेट करती है। यूनिकॉमर्स अगस्त 2024 में शेयर बाजार में लिस्ट हो चुकी है। इसका 276.57 करोड़ रुपये का IPO 168.35 गुना भरा था।

IPO This Week: 8 दिसंबर से शुरू हफ्ते में 12 नए पब्लिक इश्यू, 16 कंपनियां होंगी लिस्ट

Snapdeal की वित्तीय सेहत

AceVector को अप्रैल-सितंबर 2025 छमाही में 29.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह एक साल पहले के घाटे 113.2 करोड़ रुपये से कम है। इसी अवधि में रेवेन्यू 34.9 प्रतिशत बढ़कर 244.4 करोड़ रुपये हो गया। सितंबर 2024 छमाही में यह 181.2 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का घाटा बढ़कर 138.9 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 57.8 करोड़ रुपये था। रेवेन्यू 4 प्रतिशत बढ़कर 395 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2024 में 379.8 करोड़ रुपये था। IIFL Capital Services और CLSA India को ऐसवेक्टर IPO को मैनेज करने के लिए मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया गया है।

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।