Hyundai Motor IPO: हुंडई मोटर इंडिया ने देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाया था और साइज के मामले में इसने करीब दो साल पहले आए एलआईसी के 21,008.48 करोड़ रुपये के आईपीओ को भी पीछे छोड़ दिया। अब देखना ये है कि क्या हुंडई मोटर लिस्टिंग के मामले में भी एलआईसी को पीछे छोड़ पाती है या नहीं। एलआईसी के 949 रुपये के शेयर बीएसई पर 867.20 रुपये पर लिस्ट होकर ₹920.00 रुपये के हाई तक गए थे और दिन के आखिरी में ₹875.45 पर बंद हुए थे यानी कि आईपीओ निवेशकों को करारा झटका लगा था। अब हुंडई की बात करें तो इसके शेयर 1960 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं और लिस्टिंग पर इसका परफॉरमेंस कैसा रहने वाला है, यह कल 22 अक्टूबर को फाइनल होगा।
इसके आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर नहीं पाया था। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसकी GMP (-) 32 रुपये तक चली गई थी लेकिन फिर धीरे-धीरे यह ट्रैक पर आई और फिलहाल यह 85 रुपये पर है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 4 फीसदी से अधिक लिस्टिंग गेन की गुंजाइश दिख रही है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत और लिस्टिंग के दिन मार्केट की परिस्थिति पर निर्भर रहेगा।
Hyundai Motor IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
हुंडई मोटर का ₹27,870.16 करोड़ के आईपीओ में निवेशकों ने ₹1865-₹1960 के प्राइस बैंड और 7 शेयरों के लॉट में पैसे लगाए। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 186 रुपये का डिस्काउंट मिला है। यह आईपीओ ओवरऑल 2.37 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 6.97 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 0.60 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 0.50 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 1.74 गुना भरा था। सब्सक्रिप्शन के लिए यह इश्यू 15-17 अक्टूबर के बीच खुला था और शेयरों का अलॉटमेंट 18 अक्टूबर को फाइनल हो चुका है।
इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 14,21,94,700 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत जारी हुए हैं और ये शेयर इसकी पैरैंट कंपनी ने बेचे हैं। ये शेयर कंपनी की 17.5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं। चूंकि यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है तो इस इश्यू का कोई भी पैसा हुंडई मोटर इंडिया को नहीं बल्कि शेयर बेचने वाली पैरेंट कंपनी को मिला है।
Hyundai Motor India के बारे में
हुंडई मोटर इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी OEM (ओरिजिनिल इक्विपमेंट मेकर) और यात्री गाड़ियों की दूसरी सबसे बड़ी निर्यातक है। घरेलू मार्केट में इसकी 14.6 फीसदी हिस्सेदारी है। सितंबर महीने में इसने 64,201 गाड़ियां बेचीं जो सालाना आधार पर 10 फीसदी कम रही। इस साल 2024 में अब तक कंपनी ने 5.77 लाख गाड़ियां बेचीं जो सालाना आधार पर लगभग फ्लैट है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 29.02 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 47.09 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2024 में 60.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 14 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 713.02 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 14.90 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 175.68 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।