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टाटा कैपिटल और LG इलेक्ट्रॉनिक्स का IPO क्लैश, क्या निवेशकों के सामने आएगा पैसों का संकट?

टाटा कैपिटल और LG इलेक्ट्रॉनिक्स के आईपीओ एक साथ लॉन्च होने वाले हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि दोनों निवेशकों को थोड़ा फीका रिस्पॉन्स मिल सकता है। क्योंकि निवेशकों के पास दो बड़े आईपीओ में एक साथ निवेश करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं रहेगा। जानिए एक्सपर्ट की राय।

अपडेटेड Oct 05, 2025 पर 8:11 PM
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टाटा कैपिटल का आईपीओ 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा।

टाटा कैपिटल और LG इलेक्ट्रॉनिक्स इस साल के दो सबसे चर्चित आईपीओ एक साथ लॉन्च होने जा रहे हैं। हालांकि इनका समय टकरा रहा है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इससे मांग पर खास असर नहीं पड़ेगा। रिटेल इन्वेस्टर्स पर दबाव जरूर बढ़ सकता है, जो एक बार में एक ही आईपीओ में पैसे लगाना पसंद करते हैं। लेकिन दोनों आईपीओ में जबरदस्त सब्सक्रिप्शन की उम्मीद है।

दोनों कंपनियों की ताकत

टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की कंपनी है और भारत की सबसे बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) में से एक है। इसका बिजनेस पोर्टफोलियो रिटेल और कॉर्पोरेट लेंडिंग तक फैला हुआ है। वहीं, LG इलेक्ट्रॉनिक्स अपने मजबूत कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ब्रांड और भारत में बढ़ती पहचान का फायदा उठाकर पूंजी जुटाने की तैयारी में है। दोनों कंपनियों के आईपीओ मिलाकर करीब ₹27,119 करोड़ के हैं। ये बाजार से बड़ी मात्रा में फंडिंग खींच सकते हैं।


किसमें पैसा लगाएंगे निवेशक

चॉइस कैपिटल एडवाइजर्स के सीईओ रतिराज टिबरेवाल का कहना है कि निवेशक का फैसला कंपनी की मूलभूत स्थिति, वैल्यूएशन और लिस्टिंग गेन पर निर्भर करेगा। उनके अनुसार, टाटा कैपिटल की घरेलू पहचान और मजबूत बैकिंग इसे ज्यादा आकर्षक बनाएगी। वहीं, LG उन निवेशकों को लुभा सकती है, जो कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर और ग्लोबल ब्रांड में हिस्सेदारी चाहते हैं।

आदित्य बिड़ला कैपिटल ने टाटा कैपिटल आईपीओ को 'लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब' करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि फाइनेंस बिजनेस में भरोसा बहुत जरूरी है और टाटा कैपिटल को इसके लिए मजबूत टाटा ब्रांड का फायदा मिलता है।

खुदरा और संस्थागत निवेशकों का नजरिया

एक्सपर्ट का मानना है कि रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए दोनों आईपीओ में निवेश करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ऐसे में वे सुरक्षित विकल्प चुनेंगे। इससे आईपीओ फंडिंग की मांग बढ़ सकती है, उधारी लागत में इजाफा होगा और HNI निवेशक ज्यादा सोच-समझकर कदम रखेंगे।

हालांकि, आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स के नरेंद्र सोलंकी का कहना है कि इसमें कोई खतरे की बात नहीं है। उनके अनुसार, छोटे आईपीओ में भी ₹30,000-40,000 करोड़ तक का सब्सक्रिप्शन देखा गया है, जिनका साइज ₹1,000 करोड़ से कम होता है। इससे साफ है कि बाजार में लिक्विडिटी पर्याप्त है और दोनों आईपीओ आसानी से पूरे हो जाएंगे।

इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को फायदा

इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स केलिए यह स्थिति फायदेमंद मानी जा रही है। कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि ये दोनों इश्यू एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने की बजाय निवेशकों को डाइवर्सिफिकेशन का मौका देंगे। ऐसे में निवेशकों दोनों में पैसा लगा सकते हैं। इससे उनके पोर्टफोलियो में विविधता आएगी।

दोनों IPO की टाइमलाइन

टाटा कैपिटल का आईपीओ 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा। वहीं, LG इलेक्ट्रॉनिक्स का इश्यू 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक निवेशकों के लिए उपलब्ध होगा।

दोनों कंपनियों के मजबूत आधार और बाजार में मौजूद लिक्विडिटी को देखते हुए एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनके आईपीओ सफल रहेंगे। साथ ही, निवेशकों को अलग-अलग सेक्टर की मजबूत कंपनियों में निवेश का मौका मिलेगा।

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