IPO Record: इस महीने अक्टूबर में कुल मिलाकर ₹46,000 करोड़ के 14 आईपीओ आए जो अब तक किसी भी महीने में रिकॉर्ड है। इसमें सबसे बड़ा योगदान टाटा ग्रुप की टाटा कैपिटल (Tata Capital) और एलजी इलेट्रॉनिक्स (LG Electronics) का रहा जिन्होंने मिलकर ₹27,119 करोड़ के आईपीओ पेश किए यानी कि इस महीने अक्टूबर मे ₹46 हजार करोड़ के आईपीओ में ₹27 हजार करोड़ से अधिक यानी आधे से अधिक हिस्सा तो सिर्फ इन्हीं दोनों का रहा। इससे पहले यह रिकॉर्ड पिछले साल अक्टूबर महीने का ही था, जब मेनबोर्ड में 6 कंपनियों ने ₹38,690 करोड़ का आईपीओ पेश किया था।
जगमगा रहा भारतीय आईपीओ मार्केट
इस महीने अक्टूबर 2025 में ₹46,000 करोड़ के 14 आईपीओ ने रिकॉर्ड बना दिया। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी टाटा कैपिटल की रही जिसने ₹15,512 करोड़ का आईपीओ पेश किया था। इसके अलावा एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के ₹11,607 करोड़ के आईपीओ ने भी आईपीओ मार्केट में काफी रौनक बिखेरी। आज 31 अक्टूबर को भी एक आईपीओ खुला है। लेंसकार्ट (Lenskart) का ₹7278 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए आज खुला है। इनके अलावा वीवर्क इंडिया (WeWork India), केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस (Canara HSBC Life Insurance), ओर्कला इंडिया (Orkla India) और रुबिकॉन रिसर्च (Rubicon Research) ने भी आईपीओ मार्केट में भी रौनक बिखेरगी।
इससे पहले यह रिकॉर्ड पिछले साल अक्टूबर 2024 के नाम पर था। पिछले साल ₹38,690 करोड़ के 6 आईपीओ आए थे। इसके बाद तीसरे स्थान पर साल 2021 का नवंबर महीना रहा, जब ₹35,665 करोड़ के 9 आईपीओ आए। चौथे स्थान पर नवंबर 2024 रहा जब ₹31,145 करोड़ के 8 आईपीओ खुले और पांचवे स्थान पर मई 2022 रहा, जब ₹29,510 करोड़ के 8 आईपीओ खुले।
क्या कहना है मार्केट के जानकार का?
हाल ही में ब्रोकरेज फर्म सिटी के सीईओ (भारतीय उपमहाद्वीप)और बैंकिंग हेड के बालासुब्रमणियन ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा था कि वर्ष 2025 पहले से ही उम्मीद से बेहतर परफॉर्म कर चुका है और मजबूती से समाप्त होने वाला है। वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताओ को लेकर उनका कहना है कि ग्रोथ की मजबूत संभावनाओं से प्राइसिंग सही दिख रही है। उनका मानना है कि भारतीय आईपीओ मार्केट ऐतिहासिक दौर में है और यह साल अभी खत्म नहीं हुआ है। बालासुब्रमणियन के मुताबिक कंजम्प्शन देश में एक अहम थीम बनी रहेगी।
इस पूरे साल 2025 की बात करें तो अब तक ₹1.38 लाख करोड़ के 89 आईपीओ खुले और यह सिर्फ वर्ष 2024 से ही पीछे। पिछले साल 2024 में ₹1.6 लाख करोड़ से अधिक फंड आईपीओ के जरिए जुटाए गए थे। आईपीओ मार्केट में यह रौनक ऐसे समय में आई, जब घरेलू स्टॉक मार्केट की रौनक अधिकतर समय फीकी रही।