IPO in 2025: आईपीओ मार्केट में फिर बनेगा रिकॉर्ड? आंकड़ों से मिल रहे ये संकेत

IPO Market: पिछले साल 2024 में आईपीओ मार्केट में काफी बहार थी। अब इस साल 2025 में भी ऐसी ही स्थिति दिख रही है। खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी, हाई सब्सक्रिप्शन, और मजबूत लिस्टिंग गेन से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का उत्साह बढ़ रहा है। जानिए इस साल आईपीओ मार्केट में क्या स्थिति है और पिछले साल क्या था?

अपडेटेड Jan 10, 2025 पर 11:23 AM
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पिछले साल कंपनियों ने आईपीओ ही नहीं बल्कि क्यूआईपी (क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) के जरिए भी खूब पैसे जुटाए थे।

IPO in 2025: इस साल 2025 में भी आईपीओ मार्केट में रौनक बनी रहने वाली है और नया रिकॉर्ड बन सकता है। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक 1.80 लाख करोड़ रुपये के आईपीओ को बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की मंजूरी या तो मिल गई है या मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। 28 कंपनियों के 46 हजार करोड़ रुपये के इश्यू को मंजूरी मिल चुकी हैं और ये आईपीओ लाने की तैयारियों में जुट गई हैं। वहीं दूसरी तरफ 1.32 लाख करोड़ रुपये के आईपीओ के ड्राफ्ट अभी सेबी के पास मंजूरी के इंतजार में हैं।

पिछले साल 2024 में कैसा रहा आईपीओ मार्केट का हाल

पिछले साल वर्ष 2024 में एसएमई ने रिकॉर्ड 8761 करोड़ रुपये जुटाए जोकि वर्ष 2023 के मुकाबले 87 फीसदी अधिक रहा। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक एसएमआई आईपीओ का औसतन साइज भी चार साल में 6 गुना बढ़कर 36 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। खुदरा निवेशकों ने इसमें खूब पैसे लगाए और औसतन रिटेल एप्लीकेशन वर्ष 2020 में महज 297 से बढ़कर वर्ष 2024 में 1.88 लाख पर पहुंच गया।


वहीं मेनबार्ड यानी बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होने वाली कंपनियों की बात करें तो 91 कंपनियों ने 1.60 लाख करोड़ रुपये जुटाए जबकि वर्ष 2023 में 57 कंपनियों ने 49,436 करोड़ रुपये जुटाए थे। मेनबोर्ड आईपीओ के औसतन साइज इस दौरान दोगुना उछलकर 1,756 करोड़ रुपये पर पहुंच गए। ऑफिस (Awfis), फर्स्टक्राई (Firstcry), मोबीक्विक (Mobikwik), स्विगी (Swiggy) और यूनीकॉमर्स (Unicommerce) समेत आठ नए दौर की कंज्यूमर टेक कंपनियों ने 21,438 करोड़ रुपये के आईपीओ लाए। फ्रेश कैपिटल भी 40 फीसदी उछलकर 64,499 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी और 91 में से 66 इश्यू में खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्सा 10 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ। आईपीओ को ओवरऑल औसतन 45.39 गुना और रिटेल हिस्से को औसतन 34.15 गुना बोली मिली जो वर्ष 2023 के मुकाबले अधिक रही।

QIP के जरिए भी 2024 में जुटाए थे कंपनियों ने पैसे

पिछले साल कंपनियों ने आईपीओ ही नहीं बल्कि क्यूआईपी (क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट) के जरिए भी 2023 के मुकाबले तीन गुना अधिक पैसे जुटाए। पिछले साल 99 कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिए 1.38 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। सबसे बड़ा क्यूआईपीओ वेदांता और जोमैटो का रहा जिसने ₹8500-₹8500 करोड़ का इश्यू लाया था।

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Tags: #IPO

First Published: Jan 10, 2025 11:23 AM

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