प्रोजील ग्रीन एनर्जी और नीलसॉफ्ट के आईपीओ को सेबी की मंजूरी मिल गई है। सेबी ने 1 सितंबर को प्रोजील ग्रीन के प्रिलिमनरी पेपर को ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया। उसने नीलसॉफ्ट के प्रिलिमनरी पेपर पर 2 सितंबर को ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया। अब दोनों कंपनियां एक साल के अंदर अपने आईपीओ लॉन्च कर सकती हैं। प्रोजील एनर्जी गुजरात की सोलर ईपीसी कंपनी है। इसने इस साल 30 मार्च को सेबी के पास अपना ड्राफ्ट डॉक्युमेंट फाइल किया था।
प्रोजील ग्रीन का आईपीओ 700 करोड़ का हो सकता है
प्रोजील ग्रीन एनर्जी का आईपीओ 700 करोड़ रुपये का हो सकता है। इसमें वह 350 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर जारी करेगी, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए प्रमोटर्स अपने 350 करोड़ रुपये से शेयर जारी करेंगे। प्रोजील ग्रीन का दावा है कि वह देश की चौथी सबसे बड़ी सोलर ईपीसी कंपनी है। कंपनी आईपीओ से हासिल पैसे में से 250 करोड़ रुपये का इस्तेमाल लंबी अवधि की वर्किंग कैपिटल की जरूरत पूरी करने के लिए करेगी। 195 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वह कर्ज चुकाने के लिए करेगी। बाकी पैसै का इस्तेमाल सामान्य कारोबारी जरूरतों के लिए करेगी।
नीलसॉफ्ट में जापान के फुजिता कॉर्पोरेशन का निवेश है
Neilsoft में जापान की फुजिता कॉर्पोरेशन का निवेश है। यह पुणे की इंजीनियरिंग सर्विसेज और सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी है। इसने इस साल 26 मई को दोबारा आईपीओ के लिए आवेदन किया था। कंपनी अपने आईपीओ में 90 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर जारी करेगी, जबकि ओएफएस के तहत प्रमोटर्स अपने 80 लाख शेयर बेचेंगे। नीलसॉफ्ट का मुकाबला KPIT Technologies, Onward Technologies, Cyient, L&T Technology Services और Tata Technologies जैसी कंपनियों से है। कंपनी इश्यू से हासिल 63.5 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए करेगी।