Shiprocket IPO: लॉजिस्टिक्स और शिपिंग प्लेटफॉर्म शिपरॉकेट ने अपने IPO के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉसपेक्टस (UDRHP) जमा कर दिया है। शिपरॉकेट के IPO का साइज 2,342.3 करोड़ रुपये है। कंपनी ने मई 2025 में कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे और SEBI से नवंबर में मंजूरी मिली थी। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से।
अपडेटेड DRHP के अनुसार, शिपरॉकेट के IPO में 1100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे। साथ ही 1242.3 करोड़ रुपये तक के शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल रहेगा। ऑफर-फॉर-सेल में शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स में लाइटरॉक, अरविंद, ट्राइब कैपिटल, बर्टेल्समैन, गौतम कपूर, साहिल गोयल और विशेष खुराना शामिल हैं।
शेयरहोल्डर्स में कौन-कौन शामिल
शिपरॉकेट एक शिपिंग प्रोवाइडर से डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड्स और MSMEs के लिए एक फुल-स्टैक ई-कॉमर्स इनेबलर बन चुकी है। इसका मतलब हुआ कि एक ऐसी कंपनी या प्लेटफॉर्म जो किसी बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने, चलाने और बढ़ाने के लिए शुरू से अंत तक सभी सर्विसेज और तकनीकी समाधान देती हो। शिपरॉकेट में पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास 91.52 प्रतिशत हिस्सेदारी है, और बाकी 8.48 प्रतिशत शेयर शिपरॉकेट एंप्लॉयी ESOP ट्रस्ट के पास हैं।
बर्टेल्समैन नीदरलैंड 21.32 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कंपनी में सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है। इसके बाद ट्राइब कैपिटल के पास 14.14 प्रतिशत हिस्सेदारी, जोमैटो की पेरेंट कंपनी इटरनल के पास 6.85 प्रतिशत, और टेमासेक होल्डिंग्स की सब्सिडियरी मैकरिची इनवेस्टमेंट्स के पास 5.29 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शिपरॉकेट 220 करोड़ रुपये का एक प्री-IPO प्लेसमेंट ला सकती है। अगर ऐसा हुआ तो IPO में नए शेयरों के इश्यू का साइज घट जाएगा।
Shiprocket IPO के पैसे कैसे होंगे इस्तेमाल
IPO में नए शेयरों को जारी करके हासिल होने वाले पैसों में से 505 करोड़ रुपये का इस्तेमाल प्लेटफॉर्म की ग्रोथ के लिए किया जाएगा। 210 करोड़ रुपये से कर्ज चुकाया जाएगा। सितंबर 2025 के आखिर तक कंपनी पर 233.8 करोड़ रुपये की उधारी थी। बाकी पैसे इनऑर्गेनिक ग्रोथ और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए रहेंगे। एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, शिपरॉकेट के IPO के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं।
अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान शिपरॉकेट ने 38.3 करोड़ रुपये का घाटा देखा। एक साल पहले यह घाटा 42.3 करोड़ रुपये का था। रेवेन्यू 15.4 प्रतिशत बढ़कर 942.7 करोड़ रुपये हो गया, जो सितंबर 2024 छमाही में 817 करोड़ रुपये था। शिपरॉकेट का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2025 में 24% बढ़कर 1632 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले यह 1316 करोड़ रुपये था। डोमेस्टिक शिपिंग प्लेटफॉर्म्स और वैल्यू एडेड टेक ऑफरिंग्स समेत कोर बिजनेस से रेवेन्यू 20% बढ़कर 1306 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने 74.4 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा देखा, जबकि एक साल पहले 595.1 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। EBITDA 7 करोड़ रुपये रहा। कोर बिजनेस से कैश EBITDA दोगुने से ज्यादा बढ़कर 157 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एमर्जिंग बिजनेस से कैश EBITDA में 25% का इजाफा हुआ।
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