IPO से पहले ही सवालों में घिरी BoAt, ऑडिटर्स ने कई वित्तीय गड़बड़ियों की ओर किया इशारा

BoAt IPO: ईयरफोन, हेडफोन और वायरलेस स्पीकर बनाने वाली कंपनी बोट (BoAt) अपने IPO) से पहले ही विवादों में आ गई है। कंपनी के ऑडिटर्स ने वित्तीय अनियमितताओं और कानूनी नियमों के पालन में खामियों की ओर इशारा किया है। साथ ही इसकी कई सब्सिडियरी कंपनियों में ऑपरेशन चूक भी पाया गया है। ये जानकारी कंपनी के आईपीओ के लिए दाखिल नए आवेदन (DRHP) से सामने आई है

अपडेटेड Dec 11, 2025 पर 3:26 PM
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BoAt IPO: बोट लगभग 1,500 करोड़ रुपये का IPO ला रही है

BoAt IPO: ईयरफोन, हेडफोन और वायरलेस स्पीकर बनाने वाली कंपनी बोट (BoAt) अपने इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) से पहले ही विवादों में आ गई है। कंपनी के ऑडिटर्स ने कई वित्तीय अनियमितताओं और कानूनी नियमों के पालन में खामियों की ओर इशारा किया है। साथ ही इसकी कई सब्सिडियरी कंपनियों में ऑपरेशन चूक भी पाया गया है। ये जानकारी कंपनी के आईपीओ के लिए दाखिल नए आवेदन (DRHP) से सामने आई है।

यह आवेदन एक महीने पहले दाखिल हुआ था, और यह अब सार्वजनिक हुआ है। इस आवेदन के जरिए गुरुग्राम मुख्यालय वाली यह कंपनी अपना IPO लाने की दूसरी कोशिश कर रही है।

क्या-क्या गड़बड़ियां मिली?

कंपनी के ऑडिटर्स BSR & Co LLP ने बताया कि कंपनी ने बैंकों को जो तिमाही फाइनेंशियल स्टेटमेंट भेजे, वे FY23, FY24 और FY25 के कंपनी के असली खातों से मेल नहीं खातीं। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि कुछ मौकों पर कंपनी ने शॉर्ट-टर्म लोन को अपनी सहायक कंपनियों की लॉन्ग-टर्म जरूरतों में इस्तेमाल किया, जो सही तरीका नहीं है। इसके अलावा, ऑडिट के दौरान वित्तीय नियंत्रण से जुड़ी और भी कमियां सामने आईं।


कंप्लायं में क्या-क्या कमियां मिलीं?

ऑडिट में कई कंप्लायंस से जुड़ी कई समस्याएं भी पाई गईं। सबसे पहले, दो विदेशी सहायक कंपनियों के बारे में गंभीर चिंता जताई गई। इसमें 'काहा प्राइवेट लिमिटेड' और 'इमेजिन मार्केटिंग सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड' शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि ये दोनों सहायक कंपनियां FY23 और FY24 में अपनी वित्तीय देनदारियां चुकाने की स्थिति में नहीं थीं।

इसके अलावा, सरकारी/कानूनी बकाया, सहायक कंपनियों में अनिवार्य ऑडिट-ट्रेल नियम का पालन न होना, अकाउंटिंग रिकॉर्ड का सही बैकअप न रखना और FY23 में प्लांट और मशीनरी की सही तरीके से फिजिकल वेरिफिकेशन न होने जैसे चूक की ओर भी इशारा किया गया।

FY23 में कंपनी ने अपने डायरेक्टर्स को कानून में तय सीमा से ज्यादा वेतन दिया था। बाद में यह गलती शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेकर ठीक कर ली गई।

BoAt ने कहा कि उसने कई समस्याओं को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं, जैसे कि गलत या न मिलने वाली वित्तीय जानकारी को मिलाना, कानून के मुताबिक अकाउंटिंग सिस्टम लागू करना, और शेयरहोल्डर से जरूरी मंजूरी लेना।

लेकिन ऑडिटर्स ने यह भी कहा कि यह गारंटी नहीं है कि भविष्य में ऐसी समस्याएं दोबारा नहीं होंगी। इससे पता चलता है कि कंपनी को अपने आंतरिक सिस्टम और प्रक्रियाओं को और मजबूत करने की जरूरत है।

IPO को लेकर क्या है तैयारी?

ये सभी जानकारियां BoAt के IPO के लिए दाखिल नए आवेदन से सामने आई हैं। BoAt लगभग 1,500 करोड़ रुपये का IPO ला रही है। इसमें 500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 1000 करोड़ रुपये का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) होगा।

ऑफर-फॉर-सेल (OFS) में कंपनी के फाउंडर अमन गुप्ता और समीर मेहता, साथ ही शुरुआती निवेशक वारबर्ग पिनकस, फायरसाइड वेंचर्स और क्वालकॉम वेंचर्स अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेंगे। BoAt का यह आईपीओ पहले हले की योजना से छोटा है, क्योंकि कंपनी पहले लगभग ₹2,000 करोड़ जुटाने की योजना में थी।

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