स्विगी के आईपीओ के लिए रास्ता साफ हो गया है। सेबी ने कंपनी के नए (अपडेटेड) ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है। स्विगी का आईपीओ देश के सबसे बड़े आईपीओ में से एक होगा। फूड डिलीवरी कंपनी के आईपीओ का साइज 10,414 करोड़ रुपये हो सकता है। इसमें कंपनी नए शेयर जारी करेगी। साथ ही इसमें ओएफएस यानी ऑफर फॉर सेल भी शामिल होगा।
स्विगी (Swiggy) आईपीओ के तहत 3,750 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी। ऑफर फॉर सेल के तहत करीब 6,664 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जाएंगे। इस तरह आईपीओ का साइज 10,414 करोड़ रुपये हो सकता है। कंपनी इश्यू के साइज में 1,250 करोड़ रुपये की वृद्धि कर सकती है। इससे इश्यू का साइज बढ़कर 11,644 करोड़ रुपये हो सकता है।
कंपनी को इस इश्यू के जरिए 3,750 करोड़ रुपये हासिल होंगे। कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, क्विक कॉमर्स बिजनेस को बढ़ाने और स्विगी ब्रांड को मजबूत बनाने के लिए करेगी। कंपनी टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर 586 करोड़ रुपये निवेश करेगी। अपडेटेड ड्राफ्ट के मुताबिक 137 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के लिए होगा।
Prosus, Accel India, Alpha Wave, Coatue PE Asia, DST, Elevation Capital, Norwest Venture और Tencent स्विगी में अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। इनमें से अकेले Prosus 11.78 करोड़ शेयर बेचेगी। यह ओएफएस का करीब 64 फीसदी है।
हिस्सेदारी नहीं बेचने वाले इनवेस्टर
सॉफ्टबैक विजन फंड उन बड़े निवेशकों में शामिल है, जो इस ओएफएस में अपने शेयर नहीं बेचेंगे। इसकी वजह लिस्टिंग के बाद स्विगी के शेयरों में अच्छी तेजी की उम्मीद हो सकती है।
कंपनी की फाइनल वैल्यूएशन आईपीओ में शेयर के प्राइस बैंड और दूसरी चीजों पर निर्भर करेगी। लेकिन अनुमान है कि कंपनी की वैल्यूएशन 10 से 13 अरब डॉलर के बीच होगी। यह जोमैटो की करीब 30 अरब डॉलर की वैल्यूएशन से कम है।
अभी कंपनी ने आईपीओ के लिए शेयर का प्राइस तय नहीं किया है। लेकिन, अनऑफिशियल मार्केट में कंपनी के शेयरों में 330-350 रुपये के बीच ट्रेडिंग हो रही है। आईपीओ की तारीख नजदीक आने पर इस कीमत में उछाल आ सकता है।
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FY25 की पहली तिमाही में स्विगी का लॉस 8 फीसदी बढ़कर 611 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का लॉस 564 करोड़ रुपये था। जून तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 3,222.2 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 35 फीसदी ज्यादा है।