कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियो कांड में एक नया मोड़ आ गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुरुवार को बताया कि शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं में से एक बेहद ही गंभीर आरोप लगाए हैं। NCW के मुताबिक, उसने कहा कि खुद को पुलिस अधिकारी बताने वाले लोगों ने उसे 'फर्जी शिकायत' दर्ज की धमकी दी थी। महिला ने कहा कि खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले तीन लोगों ने उसे उत्पीड़न की धमकी देकर झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया। NCW ने आगे कहा कि महिला ने अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की, क्योंकि तीनों व्यक्ति अलग-अलग नंबरों से उसके मोबाइल पर कॉल करके गंभीर धमकियां दे रहे थे।
NCW की प्रेस रिलीज में कहा गया, "एक महिला ने तीन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए आयोग से संपर्क किया, जिन्होंने सादे कपड़े पहने थे, कथित तौर पर खुद को कर्नाटक पुलिस के अधिकारी बता रहे थे। इन लोगों ने उस पर इस मामले में झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए दबाव डाला। उसने कहा कि उसे अननोन फोन नंबरों से कॉल आ रहे थे, शिकायत दर्ज करने की धमकी दी जा रही थी। ये पता चला है कि इस शिकायतकर्ता को उत्पीड़न और झूठे आरोपों की धमकी देकर शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था।"
SIT ने महिला से अभी नहीं किया संपर्क
सूत्रों के हवाले से News18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि SIT ने कहा कि उन्होंने उस महिला से संपर्क नहीं किया है, जिसने NCW को बयान देकर आरोप लगाया था कि कर्नाटक पुलिस ने उसे प्रज्वल रेवन्ना मामले में गलत बयान देने के लिए कहा था।
SIT को महिला के बारे में तब पता चला, जब एनसीडब्ल्यू ने बुधवार को शिकायत SIT को भेजी। SIT ने शिकायत की जांच शुरू कर दी है, ताकि महिला को फोन करने वाले लोगों का पता लगाया जा सके और उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कहां हैं वे 2900 से ज्यादा पीड़ित महिलाएं?
NCW के खुलासे के बाद, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और JDS के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को विशेष जांच दल (SIT) पर झूठे बयान लेने के लिए पीड़ितों को वेश्यावृत्ति के जरिए धमकी देने का आरोप लगाया।
कुमारस्वामी ने पूछा, "जांच कहां तक पहुंची? इसमें रेवन्ना की क्या भूमिका है? उन्होंने रेवन्ना को क्यों गिरफ्तार किया है? राज्य सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। पीड़ित कहां हैं? कांग्रेस कह रही है कि 2,900 से ज्यादा पीड़िती हैं, लेकिन वे कहां हैं?"