बिहार के मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया है। अब नजरें एनडीए के फैसले पर लगी हैं? क्या एनडीए नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान करेंगा या बिहार को नया मुख्यमंत्री मिलेगा? इस सवाल का जवाब बिहार की जनता को जल्द मिल जाएगा। इस बीच, एनडीए ने जैसी जीत हासिल की है, उससे यह साफ हो गया है कि बिहार में नई सरकार के मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान में कोई दिक्कत नहीं होने जा रही है।
बीजेपी के नीतीश कुमार को कमान सौंपने के आसार
सूत्रों का कहना है कि NDA में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली BJP ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर से नीतीश कुमार को बैठाने का मन बना लिया है। एनडीए के एक बड़े नेता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पार्टी हाईकमान की तरफ से संकेत आ गया है। मुख्यमंत्री के नाम को लेकर किसी तरह का असमंजस नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह एनडीए को मिली सीटों की संख्या है।
बीजेपी राज्य में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी
लगातार दूसरी बार BJP ने बिहार विधानसभा चुनावों में जदयू से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। इस बार BJP 95 सीटों पर जीतती दिख रही है तो जदयू 83 सीटों पर आगे चल रही है। इस बार एक खास बात यह है कि बीजेपी इस बार सूबे में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। दूसरे नंबर पर जदयू है। इसमें महागठबंधन के खराब प्रदर्शन का बड़ा हाथ है। महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद को जदयू की आधी सीटें भी मिलती नहीं दिख रही।
इस बार सरकार का स्वरूप भी अलग होगा
BJP के सूत्र ने कहा कि इस बार एनडीए को जीतनी सीटें आई हैं, उसकी उम्मीद बीजेपी और जदयू नेतृत्व को भी नहीं थी। इसका असर नई सरकार के स्वरूप पर भी पड़ने जा रहा है। एनडीए इस बार एक ऐसी सरकार बनाने जा रही है, जो पिछली सरकार के मुकाबले ज्यादा प्रभावी होगी। सूत्र का यह भी कहना है कि इस बार कई नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस इस बार बिहार में ऐसे विकास पर होगा, जिसके नतीजे जल्द दिखने शुरू हो जाएंगे।
सीटें 150 से ज्यादा बढ़ने पर हाईकमान को लेना पड़ा फैसला
अगर बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की सीटें 14-150 तक सिमट जाती तो बिहार की नई सरकार का स्वरूप अलग होता। तब मुख्यमंत्री के नाम पर भी विचार के बाद फैसला लिया जाता। लेकिन, 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए को 200 से ज्यादा सीटें मिलने से यह साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई नया व्यक्ति नहीं बैठने जा रहा है।
बिहार की एकजुटता का फायदा इन राज्यों में भी उठाएगा एनडीए
सूत्र ने बताया कि इसकी सबसे बड़ी वजह है कि अगले साल देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल के चुनाव सबसे अहम होंगे। बीजेपी इन चुनावों में बिहार में मिली कामयाबी को दोहराने की कोशिश करेगी। इसके लिए वह अपने सहयोगी दलों को एकजुट रखने पर फोकस करेगी।