Primeinfobase.com पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि NSE पर लिस्टेड कंपनियों में फॉरेम पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (Foreign Portfolio Investors (FPI) की होल्डिंग 31 मार्च 2021 को खत्म हुई तिमाही के 22.46 फीसदी घटकर 30 जून 2021 को खत्म हुई तिमाही में 21.66 फीसदी पर आ गई है।
In rupee terms, FPI holdings stood at Rs 48.82 lakh crore. This was an increase of 8.46 percent over the last quarter.रुपए में देखें तो जून तिमाही में एनएसई लिस्टेड कंपनियों में FPI होल्डिंग 48.82 लाख करोड़ रुपए पर थी, जो तिमाही आधार पर 8.46 फीसदी की बढ़त दिखाता है।
शेयरों की संख्या को आधार पर एनएसई लिस्टेड कंपनियों में FPI holdings पर नजर डालें तो ये जून में NSE-listed companies में FPI ओनरशिप तिमाही आधार पर 5.94 फीसदी से घटकर 5.89 फीसदी पर आ गई है।
जून तिमाही में NSE-listed 543 कंपनियों में FPI की होल्डिंग बढ़ी है। इस अवधि में इन कंपनियों के औसत शेयर कीमत में 39.93 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
इस अवधि यानी जून तिमाही में NSE-listed 477 कंपनियों में FPI की होल्डिंग घटी है। इस अवधि में इन कंपनियों के औसत शेयर कीमत में 30.18 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
Green Portfolio के दिवम शर्मा का कहना है कि एफआईआई का झुकाव वैल्यू इंवेस्टमेंट की तरफ है। पिछली कुछ तिमाहियों से स्मार्ट इंवेस्टर वैल्यू स्टॉक्स में निवेश कर रहे हैं। अगले कुछ सालों में पावर, कमोडिटी, आईटी, फार्मा और रेमिकल शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिलेगी। FIIs भी अपने निवेश के लिए इन्ही पर फोकस कर रहे हैं।
उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि FPIs ने BSE 500 index की करीबी 50 फीसदी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। एनालिस्ट का कहना है कि विदेशी निवेशकों का फोकस ऐसी कंपनियों पर है जिनकों कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न स्थितियों से फायदा हो सकता है।
अगर वैल्यू टर्म में देखें तो जून तिमाही में Kotak Mahindra Bank, HDFC Ltd, ITC, Vedanta, Adani Ports, HCL Technologies, AU Small Finance Bank, YES Bank, Havells India, और M&M Financial Services में FPI holding में गिरावट देखने को मिली है।
क्या हो आपकी निवेश रणनीति
आप अपने निवेश के लिए FPIs के निवेश पैटर्न से सहायता तो लें लेकिन पूरी तरह से उनकी नकल न करें। अपने निजी लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर ही कोई निवेश निर्णय लें। किसी भी बाई या सेल के पहले सिर्फ एफपीआई की तरफ देखने के बजाय दूसरे निवेश पैरामीटर्स को ध्यान में रखें।
Anand Rathi Shares and Stock Brokers का कहना है कि किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश के पहले कंपनी में प्रोमोटर्स की होल्डिंग, रिटर्न ऑन इक्विटी, डेट टू इक्विटी, कंपनी के कारोबार की मजबूती, कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और देश की वर्तमान मैक्रो और माइक्रो इकोनॉमिक स्थितियों को ध्यान में रखें। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई स्टॉक अच्छे वैल्यूशन और अर्निंग ग्रोथ की संभावनाओं के साथ उपलब्ध है तो उसमें निवेश करना चाहिए।