Adani group की बढ़ सकती है मुश्किलें, SEBI की जांच में डिस्क्लोजर नियमों के उल्लंघन का आया मामला: रिपोर्ट

अदाणी ग्रुप (Adani Group) की मुश्किलें बढ़ सकती है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने ग्रुप के खिलाफ जांच में डिस्क्लोजर से जुड़े नियमों के उल्लंघन और ऑफशोर फंड्स की होल्डिंग सीमा के उल्लंघन का मामला पाया है। अदाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस साल जनवरी में एक रिपोर्ट प्रकाशित कर कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े कई सवाल उठाए थे

अपडेटेड Aug 28, 2023 पर 10:07 PM
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SEBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने अडानी ग्रुप के लेनदेन की जांच लगभग पूरी कर ली है

अदाणी ग्रुप (Adani Group) की मुश्किलें बढ़ सकती है। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने ग्रुप के खिलाफ जांच में डिस्क्लोजर से जुड़े नियमों के उल्लंघन और ऑफशोर फंड्स की होल्डिंग सीमा के उल्लंघन का मामला पाया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दो सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी है। उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुआई वाले अदाणी ग्रुप पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने इस साल जनवरी में एक रिपोर्ट प्रकाशित कर कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े कई सवाल उठाए थे। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप की मार्केट वैल्यूएशन करीब 100 अरब डॉलर तक घट गई थी और वहीं मार्केट रेगुलेटर से SEBI ने एक जांच शुरू की थी। बंदरगाह से लेकर बिजली उत्पादन तक के कारोबार में मौजूद अदाणी ग्रुप ने इन सभी से आरोपों से इनकार किया है।

रिपोर्ट में सूत्रों ने बताया कि ये उल्लंघन "तकनीकी" तरह के हैं और इसमें जांच पूरी होने के बाद आर्थिक दंड से अधिक कोई कार्रवाई नहीं होगी। SEBI की यह जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हो रही है और मंगलवार 29 मई को इस मामले में कोर्ट सुनवाई करेगा।

रिपोर्ट में एक दूसरे सूत्र ने बताया कि SEBI की अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की कोई योजना नहीं है। वहीं इस पूरे मामले में अपना आदेश पारित करने के साथ ही सभी रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगा।


इससे पहले शुक्रवार 25 अगस्त को SEBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने अडानी ग्रुप के लेनदेन की जांच लगभग पूरी कर ली है। सूत्रों ने कहा कि जांच में एक अहम निष्कर्ष कुछ रिलेटेड-पार्टी ट्रांजैक्शन के खुलासे के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है।

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रिपोर्ट में सूत्र ने बताया, "रिलेटेड पार्टी के साथ लेनदेन की पहचान की जानी चाहिए और सूचना दी जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो यह भारतीय सूचीबद्ध कंपनी की वित्तीय स्थिति की गलत तस्वीर पेश कर सकता है।"

SEBI ने कोर्ट में जमा डॉक्यूमेंट्स में कहा कि उसने रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के 13 वाकयों की जांच की है। सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक कंपनी की ओर से प्रत्येक उल्लंघन पर अधिकतम जुर्माना 1 करोड़ रुपये (1,21,000 डॉलर) तक हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में यह भी पाया गया कि कुछ अडानी कंपनियों में ऑफशोर फंड की हिस्सेदारी नियमों के मुताबिक नहीं थी। भारतीय कानून किसी ऑफशोर निवेशक को FPI रूट के जरिए अधिकतम 10% निवेश की इजाजत देता है। इससे बड़े निवेश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के रूप मे वर्गीकृत किया जाता है।

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First Published: Aug 28, 2023 10:07 PM

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