Adani Hindenburg PILs : सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में नियामकीय समीक्षा के लिए एक कमेटी के गठन का आदेश दिया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। खबरों के मुताबिक, यह कमेटी बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी अदाणी ग्रुप के शेयरों में कथित गड़बड़ियों से संबंधित जांच करेगी। 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक्स में हेराफेरी और अकाउंटिंग से जुड़ी गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे।
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, कमेटी को रिपोर्ट जमा करने के लिए 2 महीने का समय दिया गया है जो बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट जमा करेगी। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ए एम सप्रे करेंगे।
इसके अलावा, कमेटी में ओपी भट्ट (Op Bhatt), प्रतिष्ठित बैंकर केवी कामत (KV Kamath), टेक्नोलॉजी सेक्टर के दिग्गज नंदन निलेकणी (Nadan Nilekani) और सोमशेखर सुंदरेशन (Somsekhar Sundaresan) सदस्य के रूप में शामिल हैं।
चीफ जस्टिस ने क्या कहा...
यह आदेश देते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “इस कोर्ट ने देखा कि इनवेस्टर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक रेगुलेटरी मैकेनिज्म पर गौर करने के लिए कमेटी की जरूरत है।” उन्होंने कहा, “सेबी ने एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लागू करने के साथ कहा कि उसने कैपिटल से जुड़े मुद्दों के लिए प्राइसिंग कंट्रोल के क्रम में डिसक्लोजर आधारित रेगुलेटरी मैकेनिज्म शुरू कर दिया है।”
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को अदाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के असर से संबंधित कई पीआईल पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।