Adani Power share : 22 सितंबर को,जब शेयर प्राइस को 1:5 के अनुपात में एडजस्ट किया गया तो अदाणी पावर के शेयर एक ही सत्र में लगभग 80 फीसदी गिर गए। लेकिन वास्तव में देखें तो एक्स स्प्लिट होने पर शेयर की कीमत लगभग 20 फीसदी बढ़कर एक नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। अगस्त में हुई एक बैठक में अदाणी पावर के बोर्ड ने 1:5 के अनुपात में अपने पहले स्टॉक स्प्लिट को मंज़ूरी दे दी थी। बोनस इक्विटी शेयर प्राप्त करने के लिए शेयरधारकों की पात्रता निर्धारित करने हेतु रिकॉर्ड तिथि 22 सितंबर तय की गई थी।
शेयरधारकों के लिए क्या हैं, इसके मायने ?
इस शेयर स्प्लिट का मतलब ये है कि किसी शेयरधारक के पास अदाणी पावर के 10 शेयर हैं, जिनमें से प्रत्येक का मूल्य 100 रुपये है, तो शेयर स्प्लिट के बाद उसके पास कंपनी के 50 शेयर होंगे, जिनमें से प्रत्येक का मूल्य 20 रुपये होगा। हालांकि,उसकी कुल हिस्सेदारी का मूल्य 1,000 रुपये पर ही बरकरार रहेगा।
कोई कंपनी अपने शेयरों की कुल लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए स्टॉक स्प्लिट की घोषणा करती है। हालांकि इससे शेयरों की कुल संख्या बढ़ जाती है, लेकिन कंपनी के मार्केट कैप में कोई बदलाव नहीं आता। इससे निवेशकों के लिए अपने पोर्टफोलियो में शेयर को जोड़ना आसान हो जाता है,जिससे शेयर में तेज ग्रोथ की संभावना बनती है। अदणी पावर ने कहा था कि उसने रिटेल निवेशकों की भागीदारी को बढ़ाकर कंपनी के इक्विटी शेयरों की तरलता बढ़ाने के लिए स्टॉक विभाजन को मंजूरी दी है क्योंकि विभाजन से शेयरों में निवेश करना अधिक सस्ता हो जाएगा।
अदाणी पावर शेयर प्राइस: खास बातें
स्टॉक स्प्लिट के चलते अदाणी पावर के शेयर लगभग 80 फीसदी तक गिर गए, जबकि सच्चाई ये है कि ये कोई वास्तविक गिरावट न होकर इस कॉर्पोरेट एक्शन के तहत स्टॉक में हुआ एडजस्टमेंट का नतीजा था। वास्तव में शेयर लगभग 20 फीसदी उछलकर 170.25 रुपये प्रति शेयर के ऊपर सर्किट पर बंद हुआ था। इसने 52-वीक के हाई का नया रिकॉर्ड बनाया था।
मॉर्गन स्टेनली ने अदाणी पावर को 'ओवरवेट' रेटिंग देते हुए कहा कि कंपनी "भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में बदलाव का एक अच्छा उदाहरण है"। यह रेटिंग बाजार नियामक सेबी द्वारा गौतम अडानी और उनके कारोबारी समूह को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए स्टॉक हेरफेर के आरोपों से मुक्त करने के बाद आई है।
मॉर्गन स्टेनली ने अदाणी पावर को अपनी 'टॉप पिक' बताया है। अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म ने आगे कहा, "समय पर प्रोजेक्ट्स के पूरा होने और मीडियम टर्म में ज़्यादा PPA (पावर पर्चेज एग्रीमेंट) करने से एपीएल की आय में मज़बूत ग्रोथ होगी।"
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