करेक्शन के बाद बाजार फेयर वैल्यू पर, कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और बैंकिंग शेयरों में निवेश के मौके - नीलेश शाह

1 दशक में तेज दौड़ने वाली इकोनॉमी में भारत भी है। आगे कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और बैंकिंग एंड फाइनेंस शेयरों में तेजी देखने को मिलेगी। ट्रंप के फैसले से बाजार में घबराहट देखने को मिली है। अमेरिका में पैसा भारत से निकला है। इसके अलावा इकोनॉमी में सुस्ती और कमजोर तिमाही नतीजों ने भी बाजार पर दबाव बनाया है

अपडेटेड Mar 04, 2025 पर 11:45 AM
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नीलेश शाह का कहना है कि अमेरिका के चलते भी बाजार का सेटिमेंट बिगड़ा है। बैंकिंग सेक्टर में कोई नए NPAs नहीं हुए हैं। जहां वैल्युएशन ठीक है वहां निवेश कर सकते हैं

गैप-डाउन शुरुआत के बाद बाजार में रिकवरी का मूड देखने को मिल रहा है। निफ्टी निचले स्तरों से करीब 100 अंक सुधरकर 22050 के ऊपर आ गया है। बैंक निफ्टी भी नीचे से करीब 350 अंक ऊपर है। मिडकैप और स्मॉलकैप में भी सुधार देखने को मिल रहा है। आज IT और FMCG शेयरों पर दबाव देखने को मिल रहा है। खराब ग्लोबल संकेतों से निफ्टी IT इंडेक्स करीब 1 फीसदी कमजोर हुआ है। ऑटो सेक्टर भी रिवर्स गियर में है। तेल और गैस शेयर कमजोरी दिखा रहे हैं। लेकिन चुनिंदा बैंकों में मजबूती है। कैपिटल मार्केट से जुड़े शेयरों में तेजी है। एंजेल वन करीब 4 फीसदी चढ़कर वायदा का टॉप गेनर बना है। वहीं 6 दिनों की गिरावट के बाद आज BSE करीब 3 फीसदी भागा है। CDSL भी बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।

करेक्शन के बाद बाजार फेयर वैल्यू पर

इस माहौल में बाजार पर बात करते हुए Kotak Mahindra AMC के MD और CEO नीलेश शाह ने कहा कि बाजार में FPI लगातार बिकवाली कर रहे हैं। बाजार ऐतिहासिक औसत के नीचे आ गया है। मिडकैप-स्मॉलकैप अभी ऐतिहासिक औसत के ऊपर हैं। इतने करेक्शन के बाद अब लंबी अवधि के लिए धीरे-धीरे खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए। करेक्शन के बाद बाजार फेयर वैल्यू पर है।


करेक्शन क्यों ?

1 दशक में तेज दौड़ने वाली इकोनॉमी में भारत भी है। आगे कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी और बैंकिंग एंड फाइनेंस शेयरों में तेजी देखने को मिलेगी। ट्रंप के फैसले से बाजार में घबराहट देखने को मिली है। अमेरिका में पैसा भारत से निकला है। इसके अलावा इकोनॉमी में सुस्ती और कमजोर तिमाही नतीजों ने भी बाजार पर दबाव बनाया है।

टैक्स छूट के बाद कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी स्पेस आकर्षक

नीलेश शाह ने आगे कहा कि ये SIP जारी रखने का समय है। SIP टॉप अप तभी करें जब बाजार सस्ता हो। टैक्स छूट के बाद कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी स्पेस आकर्षक लग रहा है। बैंकिंग और फाइनेंस में निवेश के मौके हैं। नीलेश शाह कम फ्लोट वाले शेयरों से दूर रहने की सलाह है। उनका कहना है कि कम फ्लोट वाले शेयरों का वैल्युएशन अभी भी महंगा है।

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अमेरिका के चलते भी सेटिमेंट बिगड़ा

नीलेश शाह का कहना है कि अमेरिका के चलते भी बाजार का सेटिमेंट बिगड़ा है। बैंकिंग सेक्टर में कोई नए NPAs नहीं हुए हैं। जहां वैल्युएशन ठीक है वहां निवेश कर सकते हैं। RBI ने बैंक डिपॉजिट ग्रोथ और लिक्विडिटी को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। आगे इसका फायदा मिलेगा। नीलेश शाह की राय है कि IT सेक्टर में AI से जुड़ी कंपनियों में ग्रोथ बढ़ेगी।

 

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