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Trump Tariffs : ट्रंप टैरिफ का तूफान थमने के बाद सितारे की तरह चमकेगा भारतीय बाजार, घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर शेयरों पर रहे नजर

Trump Tariffs : आलोक ने कहा कि सबको उम्मीद थी कि ट्रंप टैरिफ उसी दर के आसपास रहेंगे जो दूसरे देश लगा रहे हैं। लेकिन जो टैरिफ एनाउंस किए गए वे उम्मीद से बहुत ज्यादा रहे। इसी वजह से बाजार में पैनिक का माहौल है। ट्रंप का प्रभावी टैरिफ रेट 29 फीसदी है जो कि पिछले 100 सालों में भी नहीं देखन को मिला है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 07, 2025 पर 1:31 PM
Trump Tariffs : ट्रंप टैरिफ का तूफान थमने के बाद सितारे की तरह चमकेगा भारतीय बाजार, घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर शेयरों पर रहे नजर
आलोक ने कहा कि इस समय घरेलू बाजार पर निर्भर, कम से कम लीवरेज्ड और क्वालिटी शेयरों पर फोकस करें। घरेलू बाजार पर निर्भर शेयरों कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी जैसे शेयर आते हैं

Stock market : बाजार की इस भारी गिरावट में पोर्टफोलियो की सुरक्षा कैसे करनी है, इस गिरावट में क्या रणनीति रखें इस सब मुद्दों पर चर्चा करते हुए अल्केमी कैपिटल मैनेजमेंट (Alchemy Capital Management) के क्वांट हेड (Quant Head) और फंड मैनेजर (Fund Manager) आलोक अग्रवाल ने कहा कि टैरिफ वॉर गहराने से बाजार में भारी गिरावट देखने को मिलेगी। टैरिफ में कमी से ही राहत मिलेगी। टैरिफ के रेट नहीं घटे तो स्लोडाउन का खतरा है। ये गिरावट खरीदारी का अच्छा मौका है।

आलोक अग्रवाल ने आगे कहा कि US पर निर्भर सेक्टर्स की रिकवरी में समय लगेगा। वर्तमान स्थिति संभलने पर भारत की तरफ पैसा आ सकता है। घरेलू हेल्थ ओर पावर स्पेस निवेश के नजरिए से बेहतर नजर आ रहे हैं।

ट्रंप टैरिफ पर बात करते हुए आलोक ने कहा कि सबको उम्मीद थी कि ट्रंप टैरिफ उसी दर के आसपास रहेंगे जो दूसरे देश लगा रहे हैं। लेकिन जो टैरिफ एनाउंस किए गए वे उम्मीद से बहुत ज्यादा रहे। इसी वजह से बाजार में पैनिक का माहौल है। ट्रंप का प्रभावी टैरिफ रेट 29 फीसदी है जो कि पिछले 100 सालों में भी नहीं देखन को मिला है। इसी से बाजार में इतना बड़ा रिएक्शन आया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस तरह के टैरिफ के बाद बाजार में मंदी की बहुत ज्यादा संभावना होती है।

दुनिया के कई देश अमेरिका को होने वाले एक्सपोर्ट पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। इसमें से कुछ अमेरिका पर जवाबी एक्शन लेंगे। कुछ ले भी चुके हैं। भारत जैसे देश अमेरिका के साथ को-ऑपरेट करने के लिए तैयार हैं। भारत अमेरिका के साथ कोई डील कर सकता है। अगर अमेरिका से कोई डील हो पाती है तभी कोई राहत मिलेगी। नहीं तो मंदी का माहौल बना रहेगा।

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