IT sector : आईटी शेयरों का इंडेक्स निफ्टी आईटी 7 अप्रैल को शुरुआती सत्र के दौरान 7 फीसदी गिर गया। ग्लोबल बाजार में जोखिम से बचने की भावना ने भारतीय इक्विटी मार्केट को भी प्रभावित किया। अपनी कमाई के बड़े हिस्से के लिए अमेरिका पर निर्भर रहने वाले आईटी सेवा कंपनियों के शेयरों में आज तेज गिरावट आई है। इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी दिग्गज कंपनियों आज निफ्टी 50 इंडेक्स के टॉप लूजरों में शामिल हैं। सुबह 9.15 बजे के आसपास निफ्टी आईटी में 7 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही थी। आईटी इंडेक्स में शामिल एमफैसिस और कोफोर्ज जैसी मिड-कैप टेक सर्विस कंपनियों में 6 से 9 फीसदी की गिरावट आई, जबकि दिग्गज इंफोसिस में 10 फीसदी की गिरावट आई थी।
आईटी शेयरों की सेल्स ग्रोथ में गिरावट की चिंताओं के चलते बिकवाली आई है, क्योंकि ये आईटी कंपनियां अपनी कमाई के बड़े हिस्से के लिए अमेरिका के बाजार पर निर्भर हैं। टैरिफ लगाए जाने के बाद अमेरिका ग्राहकों से सौदे मिलने की गति धीमी पड़ने संभावना है, जिससे इन फर्मों की आय पर असर पड़ेगा।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें बाजार में होने वाले नुकसान की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि कुछ भी नीचे जाए। लेकिन कभी-कभी आपको कुछ ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।" बता दें के ट्रंप के टैरिफ टैंट्रम के चलते अमेरिका में अब तक लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप साफ हो चुका है।
सोमवार को ग्लोबल बाजारों में भारी गिरावट आई है। एसएंडपी 500 वायदा कारोबार में 4.31 प्रतिशत लुढ़क गया है। जबकि नैस्डैक वायदा 5.45 प्रतिशत नीचे फिसल गया है। जापान का निक्केई 7.8 प्रतिशत गिरकर साल 2023 के अंत के निचले स्तर पर पहुंच गया है। जबकि दक्षिण कोरिया के बाजार में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स और ताइवानी बेंचमार्क 10 प्रतिशत गिर गए हैं।
ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने सुझाव दिया है कि ग्लोबल मैक्रोइकोनॉमिक बदलाव और तकनीकी बदलाव घरेलू आईटी सेक्टर के लिए बड़े जोखिम पैदा कर रहे हैं,जिससे इसके वैल्यूएशन और रेवेन्यू ग्रोथ पर संभावित रूप से असर पड़ सकता है।
भारतीय टेक इंडस्ट्री पर अमेरिकी मंदी के संभावित असर के डर से आईटी स्टॉक कमज़ोर प्रदर्शन कर रहे हैं। टैरिफ़ की आशंकाओं के कारण आईटी इंडेक्स में भारी बिकवाली हुई है। पिछले महीने निफ्टी आईटी इंडेक्स में छह प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले छह महीनों में इसमें 20 प्रतिशत की गिरावट आई है,जिससे निवेशकों की करोड़ों की संपत्ति डूब गई है।
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