इनवेस्टर्स को मार्केट से पिछले कुछ सालों जैसे रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, मार्केट की चाल अर्निंग्स ग्रोथ पर निर्भर करेगी

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर (पीएमएस एंड एआईएफ इनवेस्टमेंट्स) आनंद शाह का कहना है कि मार्केट में लंबे समय से करेक्शन का इंतजार था। यह करेक्शन मार्केट के लिए अच्छा है। यह कहना मुश्किल है कि बुरा वक्त बीत चुका है, मार्केट में उतारचढ़ाव अभी बना रहेगा

अपडेटेड Apr 16, 2025 पर 6:22 PM
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16 अप्रैल को मार्केट की क्लोजिंग हरे निशान में हुई। लेकिन, इनवेस्टर्स का डर अब भी दूर नहीं हुआ है।

मार्केट का मूड कुछ सुधरता दिख रहा है। 16 अप्रैल को मार्केट की क्लोजिंग हरे निशान में हुई। लेकिन, इनवेस्टर्स का डर अब भी दूर नहीं हुआ है। मार्केट की तस्वीर को समझने के लिए मनीकंट्रोल ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर (पीएमएस एंड एआईएफ इनवेस्टमेंट्स) आनंद शाह से बातचीत की। उन्होंने बताया कि इस मार्केट में इनवेस्टर्स को एकमुश्त निवेश करने की जगह थोड़ा-थोड़ा निवेश करना चाहिए। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने पूरी दुनिया में उथलपुथल मचा दी है। इससे एक तरफ जहां स्टॉक मार्केट्स में गिरावट आई है तो दूसरी तरफ ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर चिंता पैदा हुई है। पूरा माहौल अनिश्चित दिख रहा है।

ट्रंप टैरिफ का असर इंडियन एक्सपोर्टस पर पड़ेगा

शाह ने कहा कि यह टैरिफ अमेरिकी लोगों के लिए कंजम्प्शन टैक्स के जैसा है। इससे महंगाई बढ़ेगी। इससे अमेरिकी इकोनॉमी की ग्रोथ सुस्त पड़ेगी। ट्रंप के टैरिफ के जवाब में यूरोप, चीन, जापान और इंडिया जैसे देश अपनी इकोनॉमी को सपोर्ट के लिए उपाय करेंगे। इससे निवेशकों की दिलचस्पी लोकल और डिमांड आधारित शेयरों में बढ़ेगी। जहां तक इंडियन एक्सपोर्ट्स पर ट्रंप के टैरिफ के असर की बात है तो कुछ एक्सपोर्ट्स जो प्रोडक्ट्स की बढ़ती कॉस्ट का बोझ कंज्यूमर्स पर डालेंगे उनका मार्जिन बचा रहेगा। जो नहीं डाल पाएंगे उनके मार्जिन पर दबाव रहेगा। इसलिए निवेशकों को मजबूत बैलेंसशीट और घरेलू डिमांड पर फोकस रखने वाली कंपनियों को प्रायरिटी देने की जरूरत है।


इनवेस्टर्स को पिछले सालों जैसे रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए

क्या मार्केट अब और नहीं गिरेगा? इसके जवाब में शाह ने कहा कि इस करेक्शन का लंबे समय से इंतजार था। यह मार्केट के लिए अच्छा है। यह कहना मुश्किल है कि बुरा वक्त बीत चुका है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि मार्केट में उतारचढ़ाव अभी बना रहेगा। अगर इनवेस्टर्स के लिहाज से बात करें तो ज्यादा रिटर्न के दिन अब खत्म हो चुके हैं। पिछले कुछ सालों में हमने असामान्य प्रॉफिट और मार्केट में असाधारण तेजी देखी। छोटी-बड़ी कंपनियों के शेयरों में आई तेजी ने फंड मैनेजर्स को अल्फा रिटर्न देने की मदद की। आगे चीजें सामान्य रहने की उम्मीद है। अगले कुछ सालों में मार्केट का रिटर्न सामान्य रहेगा।

मार्केट की चाल अर्निंग्स ग्रोथ पर निर्भर करेगी

क्या इंडियन मार्केट्स अब सस्ता हो गया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर लंबी अवधि के औसत के लिहाज से देखें तो अभी पी/ई मल्टीपल न तो महंगा और न सस्ता है। कई सेक्टर्स में वैल्यूएशन अपनी पीक से नीचे आई है। अगर अर्निंग्स ग्रोथ 10-11 फीसदी रहती है तो मार्केट का मौजूदा लेवल बना रह सकता है। लेकिन, अर्निंग्स ग्रोथ खराब रहने पर मार्केट में और गिरावट आ सकती है। इससे कैपिटल भी बाहर जा सकती है। इससे रिस्क प्रीमियम बढ़ सकता है।

 

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