Bank of Maharashtra में सरकार OFS के जरिए 6% तक हिस्सा बेचेगी, रिटेल इनवेस्टर्स 3 दिसंबर को बोली लगा सकेंगे

Bank of Maharashtra (BoM) में सरकार की अभी 79.60 फीसदी हिस्सेदारी है। 6 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बाद सरकार की बैंक में हिस्सेदारी 75 फीसदी से कम हो जाएगी। इससे बैंक को सेबी के मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम का पालन करने में मदद मिलेगी

अपडेटेड Dec 01, 2025 पर 9:05 PM
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बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयर 1 दिसंबर को 1.6 फीसदी चढ़कर बंद हुए। यह शेयर 2025 में 10.5 फीसदी चढ़ा है।

सरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) में अपनी 6 फीसदी तक हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए बेचेगी। नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स के लिए ओएफएस 2 दिसंबर को खुलेगा। रिटेल इनवेस्टर्स के लिए यह 3 दिसंबर को खुलेगा। बीओएम के शेयर के करेंट मार्केट प्राइस पर इस हिस्सेदारी को बेचने से सरकार को करीब 2,600 करोड़ रुपये मिलेंगे।

रिटेल इनवेस्टर्स 3 दिसंबर को लगा सकेंगे बोली

डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव अरुणीश चावला ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया। उन्होंने पोस्ट में कहा, "बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) का ऑफर फॉर सेल (OFS) नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स के लिए कल (2 दिसंबर) को खुलेगा। रिटेल इनवेस्टर्स 3 दिसंबर को बोली लगा सकेंगे। सरकार बैंक में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। अतिरिक्त 1 फीसदी का ग्रीन शू ऑप्शन होगा।"


अभी सरकारी की 79 फीसदी हिस्सेदारी

Bank of Maharashtra (BoM) में सरकार की अभी 79.60 फीसदी हिस्सेदारी है। 6 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बाद सरकार की बैंक में हिस्सेदारी 75 फीसदी से कम हो जाएगी। इससे बैंक को सेबी के मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम का पालन करने में मदद मिलेगी। सेबी के इस नियम के मुताबिक, सभी लिस्टेड कंपनियों में पब्लिक शेयरहोल्डिंग कम से कम 25 फीसदी होनी चाहिए। सरकारी कंपनियों को इस नियम के पालन के लिए अगस्त 2026 का समय दिया गया है।

इस साल 10 फीसदी चढ़ा है शेयर

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयर 1 दिसंबर को 1.6 फीसदी चढ़कर बंद हुए। यह शेयर 2025 में 10.5 फीसदी चढ़ा है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने पिछले साल अक्तूबर में क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 3,500 करोड़ रुपये जुटाया था। बैंक ने अपने कैपिटल बफर को मजबूती देने और मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के पालन के लिए यह पैसा जुटाया था। बैंक ऑफ महाराष्ट्र सरकारी बैंक है, जिसका हेडक्वार्टर पुणे है।

सरकार PSU बैंकों का कंसॉलिडेशन करेगी

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने संकेत दिया था कि सरकार ने पीएसयू बैंकों के कंसॉलिडेशन पर काम शुरू कर चुकी है। इसके बाद से सरकारी बैंकों पर फोकस बढ़ा है। बताया जाता है कि सरकारी कई छोटे पीएसयू बैंकों का विलय कुछ बड़े सरकारी बैंकों में करेगी। इससे बैंकों की संख्या 12 से घटकर 4 रह जाएगी। इससे पहले सरकार ने 2017-2020 के बीच कई सरकारी बैंकों का विलय किया था। इससे सरकारी बैंकों के संख्या 27 से घटकर 12 रह गई थी।

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इन बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 75% से ज्यादा

बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अलावा चार और ऐसे सरकारी बैंक हैं, जिनमें पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25 फीसदी से कम है। इनमें इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक और सेंट्रल बैंक शामिल हैं। आईओबी में सरकार की हिस्सेदारी 94.6 फीसदी है। पंजाब एंड सिंध बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 93.9 फीसदी, यूको बैंक में 91 फीसदी और सेंट्रल बैंक में 89.3 फीसदी है।

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