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Andrew Yule: एंड्रयू यूल ने Veedol का ओएफएस तकनीकी खराबी की वजह से वापस नहीं लिया था, जानिए क्या थी असली वजह

एंड्रयू यूल ने 23 मई को वीडोल का ओएफएस वापस ले लिया था। उसने कहा था कि कुछ तकनीकी खराबी के चलते ऐसा करना पड़ा है। लेकिन, पता चला है कि इसकी वजह कुछ और थी। कंप्लायंस से सबंधित मसलों की वजह से एक एमएनसी ब्रोकर के पास एंड्रूय यूल के डीमैट अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया था। इस वजह से उसे OFS वापस लेना पड़ा

अपडेटेड Jun 03, 2025 पर 2:02 PM
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Veedol Corporation के शेयरों में 3 जून को गिरावट देखने को मिली। दोपहर में यह स्टॉक 0.86 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,677.80 रुपये पर था।

एंड्रयू यूल एंड कंपनी ने 23 मई को वीडोल कॉर्पोरेशन के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) को स्थगित कर दिया था। उसने इसकी वजह 'कुछ तकनीकी गड़बड़ी' बताई थी। लेकिन, इस ओएफएस को दरअसल कंपनी ने वापस ले लिया था। इसकी वजह यह थी कि एंड्रयू यूल के डीमैट अकाउंट को नियमों का पालन नहीं करने पर सस्पेंड कर दिया गया था। इससे कंपनी को ओएफएस वापस लेने को मजबूर होना पड़ा। मनीकंट्रोल को यह जानकारी मिली है।

डीमैट अकाउंट को सस्पेंड किया गया था

इस मामले की जानकारी रखने वाले बाजार से जुड़े एक सूत्र ने कहा, "कंप्लायंस से सबंधित मसलों की वजह से एक एमएनसी ब्रोकर के पास एंड्रूय यूल के डीमैट अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया था। OFS का प्लान बनाने से पहले कंपनी को इसकी जानकारी नहीं थी।" आम तौर पर ओएफएस का ऐलान करने से पहले कंपनी अपने डीमैट अकाउंट को चेक करती है। ब्रोकरेज फर्म भी कंपनी को उसके डीमैट अकाउंट के बारे में बताते हैं। डीमैट अकाउंट से जुड़ी सभी जानकारियों की जांच की जाती है। लेकिन, Andrew Yule & Company  ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से उसे ओएफएस वापस लेने को मजबूर होना पड़ा।


ओएफएस से पहले कंपनी हर तरह की जांच करती है

एक दूसरे सूत्र ने मनीकंट्रोल को बताया, "ऐसा शायद ही होता है जब डीमैट अकाउंट सस्पेंड होने की वजह से ओएफएस को वापस लिया जाता है। आम तौर पर ओएफएस के ऐलान से पहले सभी तरह की चीजों की जांच की जाती है।" एंड्रयू यूल ने अब तक इस बारे में मनीकंट्रोल के सवालों के जबाव नहीं दिए। मनीकंट्रोल ने कंपनी से उन तकनीकी वजहों के बारे में पूछा था जिससे कंपनी को ओएफएस वापस लेने को मजबूर होना पड़ा।

वीडोल में एंड्रयू यूल की 26.23 फीसदी हिस्सेदारी

एंड्रयू यूल की वीडोल में 26.23 फीसदी हिस्सेदारी है। यह वीडोल के कई प्रमोटर्स में से एक है। एंड्रयू यूल एक सरकारी कंपनी है। ओएफएस एक प्रोसेस है जिसके जरिए लिस्टेड कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए शेयर बेचती है। यह शेयर बेचने का एक आसान तरकी है, जिसका इस्तेमाल प्रमोटर्स कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए करते हैं। Andrew Yule & Company कई तरह के बिजनेस में है। यह चाय से लेकर ट्रांसफॉर्मर तक बनाती है। इसने वीडोल में अपनी हिस्सेदारी घटाने के लिए ओएफएस का प्लान बनाया था।

2 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का था प्लान

Andrew Yule & Company ने Veedol में करीब 2 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान बनाया था। इस बारे में वीडोल ने स्टॉक एक्सचेंजों को 22 मई को बताया था। कंपनी ने ओएफएस वापस लेने की वजह कुछ तकनीकी खरीबी बताई थी। लेकिन, NSDL और CDSL ने अपने स्तर पर किसी तकनीकी खराबी से इनकार किया था। उस ब्रोकर ने भी यही बात कही थी, जिसके पास एंड्रयू यूल का डीमैट अकाउंट है।

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3 जून को शेयरों पर दबाव

Veedol Corporation के शेयरों में 3 जून को गिरावट देखने को मिली। दोपहर में यह स्टॉक 0.86 फीसदी की कमजोरी के साथ 1,677.80 रुपये पर था। Andrew Yule & Co के शेयरों में 4.46 फीसदी गिरावट आई। यह 30 रुपये पर चल रहा था।

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