F&O में एल्गो ट्रेड की हिस्सेदारी 70% पहुंची, क्या आप भी करना चाहते हैं एल्गो ट्रेडिंग?

पिछले कुछ सालों में इक्विटी कैश और डेरिवेटिव्स दोनों में एल्गोज का इस्तेमाल बढ़ा है। कैश में यह 50 फीसदी तक पहुंच गया है तो F&O में 70 फीसदी के करीब पहुंच गया है। इसकी बड़ी वजह यह है कि रिटेल इनवेस्टर्स भी अब एल्गो ट्रेडिंग कर रहे हैं

अपडेटेड Jun 03, 2025 पर 10:11 AM
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शुरुआत में एल्गोज को सिर्फ ऐसा टूल माना जाता था, जिसका इस्तेमाल संस्थागत निवेशक करते थे।

एल्गोरिद्म ट्रेडिंग की लोकप्रियता हर तरह के इनवेस्टर्स के बीच बढ़ रही है। पिछले कुछ सालों में एल्गोज ट्रेड्स काफी बढ़े हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के डेटा के मुताबिक, अप्रैल में इक्विटी कैश सेगमेंट में हुए कुल ट्रेड्स में एल्गोज की हिस्सेदारी 57 फीसदी रही। यह वित्त वर्ष 2024-25 में 54 फीसदी से ज्यादा है। इसकी तेज ग्रोथ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2022-23 में कुल ट्रेड्स में एल्गोज की हिस्सेदारी 50 फीसदी से भी कम थी।

F&O सेगमेंट में एल्गोज की हिस्सेदारी 70 फीसदी

एल्गोज (Algos) ने इक्विटी डेरिवेटिव्स में भी अपनी पैठ बढ़ाई है। FY25 में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में एल्गोज की हिस्सेदारी 70 फीसदी तक पहुंच गई। एल्गोज को प्रोग्राम ट्रेडिंग भी कहा जाता है। इसमें ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाने और उसे एग्जिक्यूट करने के लिए सॉफ्टवेयर या कोड्स का इस्तेमाल होता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो कोई व्यक्ति 'बाय'या 'सेल' ऑर्डर देने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करता है। फिर यह सॉफ्टवेयर व्यक्ति के लिए बाय या सेल का ऑर्डर देता है।


ट्रेड की मुश्किल स्ट्रेटेजी तैयार करने में मददगार

ट्रेड की मुश्किल स्ट्रेटेजी तैयार करने के लिए भी सॉफ्टवेयर बनाया जता है। ऐसा सॉफ्टवेयर कैश और F&O दोनों ही सेगमेंट के लिए स्ट्रेटेजी तैयार करता है। फिर पहले से तय शर्तें पूरी होते ही ऑर्डर ट्रिगर हो जाता है। ट्रेडिंग के लिए एल्गोज की शुरुआत तो एक दशक से ज्यादा पहले हो गई थी। लेकिन, अब इसका इस्तेमाल काफी बढ़ गया है।

पहले सिर्फ FIIs, HNI जैसे बड़े निवेशक करते थे इस्तेमाल

शुरुआत में एल्गोज को सिर्फ ऐसा टूल माना जाता था, जिसका इस्तेमाल संस्थागत निवेशक करते थे। ऐसे निवेशकों में फॉरेन इनवेस्टर्स (FIIs), हेज फंड्स, म्यूचुअल फंडों के फंड मैनेजर्स और हाई नेटवर्थ इंडिविजु्अल्स (HNI) तक शामिल थे। ये ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी तैयार करने और उसे एग्जिक्यूट करने के लिए एल्गोज का इस्तेमाल करते थे। मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि इंडियन स्टॉक मार्केट्स में एल्गोज के बढ़ते इस्तेमाल के पीछ रिटेल इनवेस्टर्स का बड़ा हाथ है।

मॉडर्न ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स क्लाइंट्स को एल्गोज ऑफर करते हैं 

अब बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स भी ट्रेडिंग के लिए एल्गोज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि आज के ज्यादातर मॉडर्न ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स अपने रिटेल क्लाइंट्स को एल्गो टूल ऑफर करते हैं। मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि पहले ऐसा नहीं था। सिर्फ FIIs और बड़े संस्थागत निवेशक ही एल्गोज का इस्तेमाल करते थे। अब रिटेल इनवेस्टर्स के भी इसका इस्तेमाल करने से कैश और एफएंडओ में ज्यादा ट्रेड्स एल्गोज से हो रहे हैं।

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रिटेल इनवेस्टर्स को एल्गोज के इस्तेमाल में दिख रहा फायदा

एल्गो ट्रेडिंग सॉल्यूशंस तैयार करने वाली uTrade Solutions के फाउंडर और सीईओ कुणाल नंदवानी ने कहा, "पहले एल्गोज का इस्तेमाल सिर्फ इंस्टीट्यूशनल ट्रेडर्स, फंड मैनेजर्स और HFT ट्रेडिंग करने वाले करते थे। अब रिटेल इनवेस्टर्स भी इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे इंडिया स्टॉक मार्केट्स में कुल ट्रेड्स में एल्गोज की हिस्सेदारी बढ़ी है।" उन्होंने कहा कि मार्केट की ग्रोथ के साथ रिटेल इनवेस्टर्स की एल्गोज की समझ भी बढ़ी है।

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