निफ्टी की वैल्यूएशन सही है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स महंगे हैं। बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अमीश शाह ने यह बताया। मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इनवेस्टमेंट और मार्केट के बारे में कई बातें बताईं। उन्होंने 2025 के अंत में निफ्टी की फेयर वैल्यू 25,000 प्वाइंट्स बताई। चूंकि निफ्टी पहले से इस लेवल के करीब है, जिससे इस साल के बाकी महीनों में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं है।
जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर मार्केट पर दिख सकता है
शाह ने कहा कि मार्केट्स पर इंटरेस्ट रेट्स में कमी का असर पहले ही पड़ चुका है। क्रूड की कीमतों में नरमी और डॉलर में कमजोरी का भी मार्केट्स पर पॉजिटिव असर पड़ा है। ऐसे में यह बताना मुश्किल है कि आगे बाजार में तेजी किन वजहों से आएगी। दूसरी तरफ जियोपॉलिटिकल और ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता का असर मार्केट पर दिख सकता है। पहले से ही मार्केट में इन वजहों से उतारचढ़ाव दिख रहा है।
छह राज्यों में चुनाव की वजह से लोकलुभावना ऐलान हो सकते हैं
उन्होंने कहा कि आगे सरकार की तरफ से लोकलुभावन ऐलान भी सुनने को मिल सकते हैं। इसकी वजह यह है कि अगले 12 महीनों में छह राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हालांकि, पिछले चार सालों में इंडिया दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी रही है। इस ट्रेंड के जारी रहने की उम्मीद है। पिछले तीन दशकों में डॉलर में अमेरिका के बाद इंडियन मार्केट ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। आगे भी इंडिया की स्ट्रक्चरल ग्रोथ स्टोरी जारी रहेगी।
एफडीआई और रोजगार पर फोकस बढ़ाना होगा
शाह ने कहा कि सरकार की पॉलिसी का फोकस ग्रोथ पर है। एक तरफ देश में व्यापक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर आकार ले रहा है तो दूसरी तरफ फिजिकल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार बेहतर हो रहा है। इसके प्रोडक्टविटी बढ़ेगी, जिसका पॉजिटिव असर इकोनॉमी पर पड़ेगा। हालांकि, सरकार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और रोजगार की दर बढ़ाने पर फोकस करना होगा। ये ऐसे मसले हैं, जिन्हें पॉलिसी रिफॉर्म्स और सरकार की मदद की जरूरत है।
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इन सेक्टर्स में निवेश से होगी कमाई
कहां निवेश करने पर पैसा बनेगा? शाह ने इस सवाल के जवाब में कहा कि आगे फाइनेंशियल, ऑटो, रियल एस्टेट, REITs और कुछ इंटरनेट स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। हमें टेलीकॉम, हास्पिटल्स और घरेलू मार्केट पर फोकस वाली फॉर्मा कंपनियों के भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। आईटी, एनर्जी, कमोडिटीज सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है।