मैं कई ऐसे युवाओं से मिल चुकी हूं जो खुद को ट्रेडर्स मानते हैं। इससे मुझे मशहूर ट्रेडर और इनवेस्टर मार्क डगलस की याद आती है। उन्होंने कहा था, "कोई व्यक्ति जो ट्रेड करता है, वह खुद के ट्रेडर होने का दावा कर सकता है। लेकिन, एक बात जो ट्रेडर को महान बनाती है, वह है मनोवैज्ञानिक खेल।" डगलस के जीने का तरीका काफी खर्चीला था। इससे उनकी पूरी कमाई खत्म हो गई और उन्होंने जल्द पैसे कमाने के लिए ट्रेडिंग शुरू की।
डगलस ने Trading में करीब सब कुछ गंवाने के बाद The Disciplined Trader और Trading in the Zone किताबें लिखी। युवाओं से बात करने के बाद मैंने पाया कि इनमें से कोई अमीर परिवार का नहीं था, जिससे लॉस को रॉइट-ऑफ किया जा सकता था। उनके पैसे मेहनत की कमाई के थे। फिर, मैंने Trading Chakra के पीयूष चौधरी से बात की। मेरा मकसद कुछ खास बातें जानना और उन्हें नए ट्रेडर्स के साथ शेयर करना था।
1. रिस्क मैनेजमेंट जरूरी है
आपको मार्केट में दांव लगाने के लिए एक लिमिट तय करनी होगी। यह आपकी ट्रेडिंग कैपिटल के 5 या 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि इससे गिरावट की स्थिति में आप मार्केट से पूरी तरह से बाहर नहीं होंगे। जहां तक मेरी बात है तो लॉस 5 फीसदी तक पहुंचते ही मैं अपने पोजीशन की साइज घटाना शुरू कर देती हैं। मैं कोई चांस नहीं लेना चाहती। मैं कभी बगैर हेज फ्यूचर पोजीशंस को ओवरनाइट कैरी नहीं करती हूं।
2. दूसरों से आगे रहने की कोशिश
आपको नई चीजों को सीखने के लिए तैयार रहना होगा। मार्केट में आप कई चीजें धीर-धीरे सीखते हैं। आप अनुभव से भावनाओं को नियंत्रण ने रखना सीखते हैं। 2004 में मार्केट में लोअर सर्किट लगने पर मैं डर जाती थी। लेकिन, धीरे-धीरे मैं हताशा, डर और लालच की साइकिल को समझने लगी। आपकी नजर आपके लक्ष्य पर होनी चाहिए। खुद को पूर्वाग्रह से मुक्त रखने की कोशिश करें।
3. अपने अहंकार को खुद से अलग कर दें
ट्रेडिंग का मतलब अपने अहंकार को खत्म कर देना है। आपका मकसद सिर्फ पैसे बनाना होना चाहिए। इसके लिए धैर्य जरूरी है। ट्रेडर बनने के लिए आपको कई साल तक अपने ज्ञान को बढ़ाना होगा। ट्रेडिंग एक खेल की तरह है। इसके लिए अनुशासन, फोकस, प्रैक्टिस, स्टडी और दूसरे नियम जरूरी हैं। आपको अपनी गलतियों से सीखना होगा।
4. अपनी गाइडलाइंस से भटके नहीं
आपको कई गाइडलाइंस का भी ध्यान रखना होगा। इनमें कुछ निम्नलिखित हैं:
-टिप्स से बचें, पोजीशन लेने से पहले लॉजिक का इस्तेमाल करें
-प्राइस स्ट्रक्चर को समझने की कोशिश करें। एंट्री और एग्जिट के लिए इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें
-फर्स्ट डीप पर कभी बाय नहीं करें
-फर्स्ट रैली पर कभी सेल नहीं करें
-हर ट्रेड पर लॉस को कंट्रोल में रखें
-ट्रांजेक्शन कॉस्ट की अनदेखी नहीं करें
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यह याद रखें कि अनुशासन और मानसिक बल के बैगर कोई गाइडलाइंस बेमानी है। मार्केट में आपको जो भी रिजल्ट मिलते हैं, उसके लिए आपको किसी दूसरे के जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। आपको खुद को जिम्मेदार मानना होगा।
(फर्नांड पर्सनल फाइनेंस और इनवेस्टमेंट पर लिखती हैं)