Sensex और Nifty के खराब प्रदर्शन की वजह AI, फॉरेन इनवेस्टर्स ने एआई कंपनियों में निवेश के लिए भारत में की बिकवाली

इंडिया में एआई या एआई से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश का मौका नहीं होने से इनवेस्टर्स ने अपने पैसे का निवेश भारत से बाहर किया है। उन्होंने दूसरे उभरते बाजारों में पैसे लगाए हैं। इस साल (2025) फॉरेन इनवेस्टर्स (FIIs) इंडिया में कैश मार्केट्स में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है

अपडेटेड Nov 10, 2025 पर 2:51 PM
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FIIs ने सितंबर तिमाही में ताइवान में 15 अरब डॉलर का निवेश किया। यह किसी एक तिमाही में ताइवान के मार्केट्स में सबसे ज्यादा निवेश है।

बीते एक साल में जहां ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में जबर्दस्त तेजी आई है, वही इंडियन मार्केट्स का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। इसकी क्या वजह है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) है। फॉरेन इनवेस्टर्स ने शॉर्ट टर्म में ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए एआई से जुड़ी कंपनियों ने निवेश बढ़ाया है, जिसका असर इंडिया में उनके इनवेस्टमेंट पर पड़ा है।

इंडिया एआई के मामले में लूजर

मिश्रा ने कहा, "फॉरेन इनवेस्टर्स को AI के मामले में लूजर के रूप में देखते हैं। उधर, ताइवान और दक्षिण कारिया को वे विनर्स के रूप में देखते हैं, जहां TSMC और Samsung जैसी कंपनियां है जिन्हें एआई बूम से सीधा फायदा मिल रहा है। AI से जुड़े मौके इंडिया में उपलब्ध नहीं हैं। इनवेस्टर्स का यह भी मानना है कि इंडियन आईटी और GCCs को एआई की वजह से वास्तव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। "


इंडिया में एआई थीम में निवेश का मौका नहीं

Morgan Stanley India के मैनेजिंग डायरेक्टर रिद्धम देसाई ने सीएनबीसी-टीवी18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में इस बारे में बताया। उन्होंने कहा, "शॉर्ट टर्म रिटर्न के लिए निवेश करने वाले ग्लोबल टूरिस्ट कैपिलट का फोकस AI पर रहा है। इंडिया में एआई में निवेश का मौका नहीं है।" एक्सिस कैपिटल में ग्लोबल रिसर्च के हेड नीलकंठ मिश्रा ने भी देसाई से सहमति जताई। उन्होंने कहा इंडिया को लेकर फॉरेन इनवेस्टर्स की सोच न सिर्फ न्यूट्रल है बल्कि यह निगेटिव है।

ताइवान जैसे मार्केट्स में FIIs कर रहे निवेश

इंडिया में एआई या एआई से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश का मौका नहीं होने से इनवेस्टर्स ने अपने पैसे का निवेश भारत से बाहर किया है। उन्होंने दूसरे उभरते बाजारों में पैसे लगाए हैं। इस साल (2025) फॉरेन इनवेस्टर्स (FIIs) इंडिया में कैश मार्केट्स में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसका असर इंडियन स्टॉक मार्केट्स पर पड़ा है। Sensex और Nifty 50 जैसे सूचकाकों के रिटर्न काफी कम रहा है। इंडिया में कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर रहने का असर भी स्टॉक मार्केट्स में सेंटीमेंट पर पड़ा है।

दक्षिण कोरिया में एआई कंपनियों की वैल्यूएशंस में उछाल

FIIs ने सितंबर तिमाही में ताइवान में 15 अरब डॉलर का निवेश किया। यह किसी एक तिमाही में ताइवान के मार्केट्स में सबसे ज्यादा निवेश है। दक्षिण कारिया भी विदेशी निवेशकों के लिए बीते एक दशक में सबसे ज्यादा अट्रैक्टिव बन गया है। इधर, इंडिया में विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। चीन में बीते एक साल में एआई कंपनियों की वैल्यूएशंस दोगुनी हो गई है। दक्षिण कोरिया में एआई कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन एक साल में 94 फीसदी बढ़ा है।

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अमेरिका में भी एआई कंपनियों के शेयरों में उछाल

अमेरिका में एआई कंपनियों की वैल्यूएशंस लगातार बढ़ रही है। यह दुनिया में एआई का सबसे बड़ा बाजार है। बीते एक साल में अमेरिका में एआई कंपनियों की वैल्यूएशंस 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। कई देशों में एआई से जुड़ी कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को मालामाल किया है। हालांकि, एआई थीम का अट्रैक्शन अब घटता दिख रहा है। बीते हफ्ते Nasdaq में 3 फीसदी गिरावट आई, जबकि ब्लूमबर्ग एआई इंडेक्स 4 फीसदी फिसला।

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