Asian markets : अमेरिका-चीन ट्रेडवार के ताजा संकेतों के बाद सोमवार को एशियाई शेयर बाजारों की शुरुआत कमजोर रही। पहले से ही महंगे हो चुके बाजारों में घबराहट फैल गई है। हालांकि वॉल स्ट्रीट वायदा में उछाल के साथ जोखिम की भावना मजबूत होने के संकेत मिल रहे हैं। जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका में छुट्टियों के कारण शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। जापानी और यूरोपीय बाजारों पर अभी भी राजनीतिक अनिश्चितता की तलवार लटकी हुई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 1 नवंबर से चीन पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। लेकिन उन्होंने वीकेंड में अधिक समझौतावादी रुख अपनाते हुए कहा कि सब कुछ ठीक हो जाएगा और अमेरिका चीन को "नुकसान" नहीं पहुंचाना चाहता। बीजिंग ने रविवार को रेयर अर्थ मटेरियल और उपकरणों के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों का बचाव करते हुए इसे अमेरिकी आक्रामकता के खिलाफ की गई प्रतिक्रिया बताया, लेकिन अमेरिकी उत्पादों पर नए शुल्क लगाने से परहेज किया।
गोल्डमैन सैक्स के चीफ इकोनॉंमस्ट जान हेट्जियस ने एक नोट में लिखा है कि हम उम्मीद करते हैं कि अंतिम समाधान यह होगा कि वर्तमान टैरिफ रोक को 10 नवंबर के बाद भी बढ़ाया जाएगा, साथ ही दोनों पक्षों की ओर से कुछ नई लेकिन सीमित रियायतें भी दी जाएंगी।
ट्रंप समेत कई ग्लोबल लीडर सोमवार को मिस्र में गाजा युद्धविराम की योजना पर चर्चा करने के लिए बैठक करने वाले हैं। जापानी बाजारों में भी अपनी समस्याएं हैं। नए एलडीपी नेता साने ताकाइची का प्रधानमंत्री बनना अब संदेह के घेरे में है,जिससे शुक्रवार को येन में तेज़ उछाल आया और निक्केई वायदा में 5 फीसदी की गिरावट आई।
सोमवार को निक्केई बंद रहा। वायदा 1.3 फीसदी बढ़कर 46,690 पर कारोबार कर रहा था, लेकिन यह अभी भी 48,088 के कैश क्लोजिंग भाव से काफी नीचे था।
दक्षिण कोरिया के शेयरों में 2.1% की गिरावट आई है। जबकि ऑस्ट्रेलिया में 0.5% की गिरावट देखने को मिल रही है। जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों के MSCI के सबसे बड़े इंडेक्स में 0.6% की गिरावट देखने को मिल रही है।
वॉल स्ट्रीट एसएंडपी 500 वायदा में 1.1 फीसदी की तेजी के साथ वापसी करने की कोशिश कर रहा है। जबकि नैस्डैक वायदा में 1.6 फीसदी की तेजी आई है।