Get App

Asian Paints की बिग शॉपिंग, ₹188 में खरीद ली White Teak की बची 40% हिस्सेदारी

Asian Paints' Big Shopping: पेंट सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी एशियन पेंट्स ने White Teak ब्रांड की पैरेंट कंपनी ऑब्जेनिक्स सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड (Obgenix Software Private Limited) की बची हुई 40% हिस्सेदारी खरीद ली। कंपनी ने इसकी जानकारी 27 जून शुक्रवार को दी। एशियन पेंट्स ने व्हाइट टीक की बची 40% हिस्सेदारी ₹188 करोड़ में खरीदी

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 28, 2025 पर 8:09 AM
Asian Paints की बिग शॉपिंग, ₹188 में खरीद ली White Teak की बची 40% हिस्सेदारी
Asian Paints' Big Shopping: व्हाइट टीक (White Teak) की पैरेंट कंपनी ऑब्जेनिक्स सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड (Obgenix Software Private Limited) तीन साल में आखिरकार पूरी तरह से एशियन पेंट्स की सब्सिडरी बन गई।

Asian Paints' Big Shopping: व्हाइट टीक (White Teak) की पैरेंट कंपनी ऑब्जेनिक्स सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड (Obgenix Software Private Limited) तीन साल में आखिरकार पूरी तरह से एशियन पेंट्स की सब्सिडरी बन गई। देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी एशियन पेंट्स ने इसकी खरीदारी वर्ष 2022 से शुरू की थी और अब कंपनी ने इसकी बची हुई 40% हिस्सेदारी ₹188 करोड़ में खरीद ली। कंपनी ने शुक्रवार 27 जून को एक्सचेंज फाइलिंग में इसका खुलासा किया था। एशियन पेंट्स ने यह हिस्सेदारी व्हाइट ओक के प्रमोटर्स पवन मेहता और गगना मेहता से खरीदी। इससे पहले अप्रैल 2022 में एशियन पेंट्स ने इसकी 49% हिस्सेदारी और फिर जून 2023 में अतिरिक्त 11% हिस्सेदारी खरीदी। इस खरीदारी के जरिए पेंट कंपनी एशियन पेंट्स का व्हाइट ओक के जरिए डेकोरेटिव लाइटिंग और एक्सेसरीज सेगमेंट में विस्तार हुआ।

कैसी है Asian Paints की कारोबारी सेहत?

पिछले वित्त वर्ष 2025 की आखिरी तिमाही जनवरी-मार्च 2025 में एशियन पेंट्स के डेकोरेटिव बिजनेस की वॉल्यूम ग्रोथ 1.8% रही जोकि उम्मीद से काफी कम रही। सीएनबीसी-टीवी18 पोल में 4-5% की ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था। मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 45% गिरकर ₹700.8 करोड़ पर आ गया जबकि अनुमान ₹1,105 करोड़ का था। मुनाफे में ₹179.81 करोड़ के एक्सपेश्नल आइटम के चलते गिरावट आई जिसमें से ₹101.3 करोड़ सब्सिडरी के घाटे और ₹78.51 करोड़ व्हाइट टीक में आने वाले समय की खरीदारी के लिए डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स को लेकर फेयर वैल्यूएशन लॉस शामिल हैं। रेवेन्यू की बात करें तो सालाना आधार पर यह 4.3% गिरकर ₹8,359 करोड़ पर आ गया जोकि सीएनबीसी-टीवी18 के पोल में ₹8,730 करोड़ के अनुमान से काफी कम रहा। इस दौरान ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी 15% गिरकर ₹1,575 करोड़ के अनुमान के मुकाबले ₹1,407 करोड़ पर आ गया।

एक साल में कैसी रही शेयरों की स्थिति?

सब समाचार

+ और भी पढ़ें