Auto sector : बाजार का इस समय पूरा फोकस नतीजों पर है। ऑटो सेक्टर के नतीजों का भी बाजार को इंतजार है। ऑटो कंपनियों के कैसे हो सकते हैं नतीजे और कैसी है वैल्युएशन आइए इस पर डालते हैं एक नजर। BSE ऑटो इंडेक्स ने सेंसेक्स को 600 बेसिस प्वाइंट से अंडरपरफॉर्म किया है। त्योहारी सीजन के बाद की मांग ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। ब्रोकरेज हाउस Emkay का कहना है कि 2-व्हीलर सेगमेंट में तीसरी तिमाही में तिमाही आधार पर एवरेज सेलिंग प्राइस और मार्जिन पर खराब असर संभव है। वहीं, वॉल्यूम मिलेजुले रह सकते हैं। इस अवधि में 2-व्हीलर सेगमेंट की एवरेज सेलिंग प्राइस में तिमाही आधार पर 1.5 फीसदी की बढ़त हो सकती है। वहीं, मार्जिन में 50 बेसिस प्वाइंट की गिरावट देखने को मिल सकती है।
Emkay का कहना है कि तीसरी तिमाही में 4-व्हीलर सेगमेंट में M&M के वॉल्यूम में 20 फीसदी और मारुति के वॉल्यूम में 13 फीसदी की बढ़त हो सकती है। वही, तीसरी तिमाही में कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट के एवरेज सेलिंग प्राइस में तिमाही आधार पर सुधार संभव है। ट्रैक्टर सेगमेंट में तीसरी तिमाही में M&M और एस्कॉर्ट्स के मार्जिन में तिमाही आधार पर सुधार संभव है।
ऑटो एंसिलरी: Q3 से उम्मीद?
Emkay का कहना है कि तीसरी तिमाही में OEMs के मुकाबले ऑटो एंसिलरी का आउटपरफॉर्मेंस जारी रह सकता है। इस अवधि में एंसिलरी की आय ग्रोथ सालाना आधार पर 16 फीसदी रह सकती है। वहीं, OEMs की आय ग्रोथ 11 पर रह सकती है।
टायर सेक्टर: Q3 से उम्मीद?
Emkay का कहना है कि तीसरी तिमाही में टायर सेक्टर के मार्जिन में दबाव खत्म हो सकता है। रबर के दामों में स्थिरता और कीमतों में बढ़ोतरी से टायर सेक्टर के नतीजों में सुधार मुमकिन है।
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