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Auto stocks: आज फोकस में रहे ऑटो स्टॉक्स, जानिए इस सेक्टर पर क्या कहती है नुवामा की रिपोर्ट

Auto shares: CY25 में ऑटो सेक्टर पर नुवामा का कहना है कि दुनिया भर में ऑटो,ऑटो एंसिलरी बिक्री की रफ्तारथम रही है। CY25 में कमर्शियल व्हीकल की बिक्री मिलीजुली रह सकती है। कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट डिमांड भी कमजोर रह सकती है। ट्रैक्टर वॉल्यूम में मंदी की आशंका है। कार बिक्री में भी कमजोरी का अनुमान है

अपडेटेड Dec 18, 2024 पर 8:17 PM
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नुवामा का कहना है कि एक्सपोर्टर्स की आय कमजोर है। ऑर्डर फ्लो पर दबाव है। मंदी के डर से ऑटो OEM कंपनियों के शेयर फिसले हैं

ऑटो सेक्टर पर आज बाजार का फोकस रहा। एक तो इस सेक्टर पर नुवामा की कमजोर रिपोर्ट आई है। दूसरा टू-व्हीलर बिक्री पर वाहन का डाटा खराब आया है। 17 दिसंबर के वाहन के आंकड़े पर नजर डालें तो एक से 17 दिसंबर के VAHAN आंकड़े बेहद खराब रहे हैं। कुल मिलाकर रजिस्ट्रेशन में 19 फीसदी की गिरावट आई है। 2-व्हीलर रजिस्ट्रेशन में 24 फीसदी की तेज गिरावट आई है। पैसेंजर व्हीकल में भी गिरावट आई है लेकिन ये थोड़े बेहतर रहे हैं। पैसेंजर व्हीकल (LMV) में 3 फीसदी की गिरावट आई है। इलेक्ट्रिक और CNG में रजिस्ट्रेशन बेहतर रहा है। पेट्रोल वाले व्हीकल के रजिस्ट्रेशन में 25 फीसदी की गिरावट आई है। 1-17 दिसंबर 2024 के 9.78 लाख लाख रजिस्ट्रेशन हुए हैं। वहीं, 1-17 दिसंबर 2023 के दौरान 12.10 लाख रजिस्ट्रेशन हुए थे।

CY25 में ऑटो सेक्टर पर नुवामा

CY25 में ऑटो सेक्टर पर नुवामा का कहना है कि दुनिया भर में ऑटो,ऑटो एंसिलरी बिक्री की रफ्तारथम रही है। CY25 में कमर्शियल व्हीकल की बिक्री मिलीजुली रह सकती है। कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट डिमांड भी कमजोर रह सकती है। ट्रैक्टर वॉल्यूम में मंदी की आशंका है। कार बिक्री में भी कमजोरी का अनुमान है। ऑटो सेक्टर के लिए कैसी रही कैलेंडर ईयर 2024 की तीसरी तिमाही इसकी बात करें तो नॉर्थ अमेरिका में HCV बिक्री 9 फीसदी तो यूरोप में 26 फीसदी घटी है।

BMW, Tesla, Mercedes के वॉल्यूम में भी दबाव है।


ऑटो कंपनियों के लिए चुनौती

नुवामा का कहना है कि एक्सपोर्टर्स की आय कमजोर है। ऑर्डर फ्लो पर दबाव है। मंदी के डर से ऑटो OEM कंपनियों के शेयर फिसले हैं। भारत फोर्ज और SAMIL ने अलग रणनीति अपनाई है। दोनों ने डाइवर्सिफिकेशन और कॉस्ट सेविंग पर फोकस किया है।

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ऑटो कंपनियों का आउटलुक

नुवामा का कहना है कि छोटी अवधि में इनके नतीजों पर दबाव संभव है। इंवेंट्री में उछाल और कम ऑर्डर का नतीजों पर असर संभव है। भारत में CV/PV डिमांड जून तक सुधर सकती है।

 

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