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Bajaj Housing Finance के शेयरों की शानदार लिस्टिंग से निवेशक क्या सीख सकते हैं?

Bajaj Housing Finance के आईपीओ में निवेशकों ने जबर्दस्त दिलचस्पी दिखाई। 16 सितंबर को बीेएसई और एनएसई में शेयरों की लिस्टिंग काफी प्रीमियम पर हुई। हालांकि, इससे पहले भी निवेशकों ने कई कंपनियों के आईपीओ में काफी ज्यादा दिलचस्पी दिखाई थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 17, 2024 पर 4:31 PM
Bajaj Housing Finance के शेयरों की शानदार लिस्टिंग से निवेशक क्या सीख सकते हैं?
पिछले 10 साल में Nifty कंपनियों की अर्निंग्स की कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 9.5 फीसदी रही है। इसके मुकाबले निफ्टी का औसत रिटर्न 12.8 फीसदी रहा है।

बजाज हाउसिंग फाइनेंस (बीएचएफ) ने 6,650 करोड़ रुपये का आईपीओ पेश किया था। कंपनी को 3.2 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के लिए बोली मिली। क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) का कोटा 209 गुना सब्सक्राइब हुआ। 16 सितंबर को प्रति शेयर 70 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले बीएसई और एनएसई पर कंपनी के शेयर 150 रुपये पर लिस्ट हुए। कारोबार के अंत में शेयर 165 रुपये पर क्लोज हुए। इस आईपीओ में निवेशकों ने जबर्दस्त दिलचस्पी दिखाई। हालांकि, इससे पहले भी आईपीओ में निवेशकों की जबर्दस्त दिलचस्पी देखने को मिली है। एसएमई आईपीओ में भी निवेशक खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इससे कुछ स्टॉक्स में बुलबुला बनने के आसार दिख रहे हैं।

वैल्यूएशन बढ़ने की बड़ी वजह ज्यादा लिक्विडिटी

सवाल है कि क्या निवेशकों को मार्केट में इस बुलबुले को देखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए? इस साल का जवाब ना या हां में देना मुश्किल है। कुछ डेटा को समझने की कोशिश करते हैं। पिछले 10 साल में Nifty कंपनियों की अर्निंग्स की कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 9.5 फीसदी रही है। इसके मुकाबले निफ्टी का औसत रिटर्न 12.8 फीसदी रहा है। इसका मतलब है कि निफ्टी कंपनियों की अर्निंग्स की ग्रोथ के मुकाबले निफ्टी का रिटर्न ज्यादा रहा है। इसकी वजह बढ़ती लिक्विडिटी है। इंडिया में इस ट्रेंड के आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि परिवारों की सेविंग्स का पैसा अब शेयरों में जा रहा है।

कंई कंपनियों की वैल्यूएशन फंडामेंटल्स के मुकाबले ज्यादा

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