अच्छे ग्लोबल संकेतों के दम पर 16 अगस्त को बाजार अच्छी बढ़त के साथ बंद हुआ है। अगले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती संभावना ने बाजार में जोश भर दिया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,330.96 अंक या 1.68 फीसदी बढ़कर 80,436.84 पर और निफ्टी 397.40 अंक या 1.65 फीसदी बढ़कर 24,541.20 पर बंद हुआ था। कल लगभग 2195 शेयरों में तेजी आई, 1194 शेयरों में गिरावट आई और 85 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। ऐसे में बाजार की चाल के बारे में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (ICICI Prudential Mutual Fund) के फंड मैनेजर वैभव दुसाद (Vaibhav Dusad) ने सीएनबीसी-आवाज़ के साथ हुई बातचीत में कहा कि उनके फंड ने बैंकिंग सेक्टर का वेटेज घटाया है।
बैंकिंग सेक्टर में डिपॉजिट की समस्या
वैभव ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में डिपॉजिट की समस्या है। इस सेक्टर में डिपॉजिट ग्रोथ 14-15 फीसदी से गिरकर 8-9 फीसदी हो गया है। इक्विटी मार्केट में सेक्टर का इनफ्लो बढ़ा है। बैंकिंग सेक्टर के सामने नेम एक्सपेंशन की चुनौती है। फ्रेट कॉस्ट का असर बैंकिंग सेक्टर पर दिख रहा है। पिछले 2 साल में फ्रेट कॉस्ट काफी कम हुआ है। भविष्य में फ्रेट कॉस्ट बढ़ सकता है। हालांकि वैल्यूएशन के हिसाब से बैंकिंग सेक्टर बेहतर है। आगे परफॉर्मेंस के आधार पर इसका वेटेज बढ़ेगा। वैभव ने बताया कि नेम एक्सपेंशन से डिपॉजिट बढ़ाया जाता है। इंक्रीमेंटल मनी का फ्लो इक्विटी मार्केट में आ रहा है। इक्विटी मार्केट में रिटर्न रेगुलेट होने पर डिपॉजिट में सुधार आएगा। बैंकों के डिपॉजिट ग्रोथ में सुधार जरूरी है।
वैभव का कहना है कि इस समय कंजम्प्शन सेक्टर का प्रदर्शन बेहतर है। भविष्य में मास कंजम्पशन सेक्टर में सुधार संभव है। ग्रामीण क्षेत्रों की महंगाई सीमित दायरे में आ गई है। इनपुट कॉस्ट और फर्टिलाइजर के दाम दायरे में आ गए हैं। फसलों पर मुनाफा बढ़ा है। कोविड के बाद सेविंग्स पर बुरा असर दिखा, लेकिन अब उसमें भी सुधार है। सीमेंट के वॉल्यूम नंबर में भी सुधार हुआ है। कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी सुधरने से रेमिटेंस बढ़ा है। सरकार योजनाओं की संख्या बढ़ा सकती है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर नजरिया
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर बात करते हुए वैभव ने कहा कि उनका दोपहिया वाहनों पर पॉजिटिव नजरिया है। लेकिन चार पहिया वाहनों को लेकर चिंताएं हैं। दोपहिया वाहनों की अफोर्डबिलिटी ज्यादा है। BS4 नॉर्म्स और इंश्योरेंस के चलते 2 व्हीलर के दाम बढ़े हैं। चार पहिया वाहनों की भी कीमतों में बढ़त दिखी है। छोटे टिकट साइज के चलते 2 व्हीलर का प्राइस बढ़ा है। इनकम लेवल नहीं बढ़ने से अफोर्डेबिलिटीपर असर दिखा था। लेकिन अभी इनकम लेवल में भी सुधार दिख रहा है। वाहनों की कीमतें फिलहाल दायरे में हैं। टू- व्हीलर में अगले 2 साल ग्रोथ के अच्छे मौके हैं। टू-व्हीलर के पुराने प्लेयर्स अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
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