Get App

बाजार के बदलते रुझानों के बीच विकास खेमानी और सुनील सिंघानिया को सम्मोहित करता है बैंकिंग सेक्टर

सुनील सिंघानिया ने कहा कि वैश्विक मुद्रास्फीति और ब्याज दरें चरम पर हैं। यदि दरें कम होती हैं, तो लिक्विडिटी में सुधार होना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक आर्थिक विकास के लिए अधिक संतुलित नजरिया अपना सकता है। सिंघानिया ने कहा कि जैसे-जैसे बाजार बदलते वैश्विक रुझानों के साथ तालमेल बिठा रहा है, बैंकिंग सेक्टर एक स्पष्ट लाभार्थी के रूप में उभर रहा है। यह एक सम्मोहन करने वाला सेक्टर है

अपडेटेड Feb 15, 2025 पर 11:47 AM
Story continues below Advertisement
विकास खेमानी ने कहा कि वे टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए भारत और अमेरिका में मजबूत मांग का हवाला देते हुए बैंकिंग और आईटी पर विशेष रूप से आशावादी बने हुए हैं

Banking's big moment: वैश्विक बाजार जैसे-जैसे उभरते व्यापक मैक्रोइकोनॉमिक परिदृश्य के अनुरूप ढल रहे हैं। अनुभवी निवेशक विकास खेमानी और सुनील सिंघानिया भारतीय बैंकिंग, आईटी और मैन्यूफैक्चरिंग के लिए एक उज्ज्वल आउटलुक देख रहे हैं। उनका आशावाद स्ट्रक्चरल रुझानों पर आधारित है लेकिन वे चेतावनी देते हैं कि स्टॉक का प्रदर्शन अक्सर सेक्टर के बुनियादी सिद्धांतों के अनुसार स्वतंत्र नजर आता है। कारेलियन एसेट मैनेजमेंट एंड एडवाइजर्स के संस्थापक खेमानी ने कहा कि पिछले सप्ताह के दौरान भारत में विदेशी लोन फ्लो में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है। 14 फरवरी को पीएमएस एआईएफ वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस (PMS AIF World Conference) में उन्होंने कहा, "यह हमें बताता है कि निवेशक देश के जोखिम के बारे में चिंतित नहीं हैं।" पीएमएस एआईएफ वर्ल्ड एक आधुनिक, वैकल्पिक-केंद्रित निवेश मंच है जो विशेष रूप से हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अल्फा-संचालित निवेश रणनीतियों के माध्यम से धन सृजन को प्राथमिकता देता है।

बैंकिंग और आईटी पर आशावादी नजरिया

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे लिक्विडिटी की स्थिति में सुधार और पॉलिसीयां बाजार विस्तार के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। वह टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए भारत और अमेरिका में मजबूत मांग का हवाला देते हुए बैंकिंग और आईटी पर विशेष रूप से आशावादी बने हुए हैं।


अबक्कस एसेट मैनेजर के संस्थापक सुनील सिंघानिया मोटे तौर पर खेमानी से सहमत दिखे। उन्होंने एक सूक्ष्म नजरिया पेश किया। उन्होंने कहा "सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन स्टॉक की कीमतें हमेशा उनके अनुरूप नहीं होती हैं," उन्होंने एसेट क्वालिटी और प्रॉफिटेब्लिटी के मामले में बैंकिंग के 2024 के शानदार प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके बावजूद स्टॉक रिटर्न में कमी है। इसके विपरीत, आईटी के 2008 के बाद से अपनी सबसे कमजोर मुनाफा वृद्धि के बावजूद, शेयर बाजार में तेज रैली दिखी।

सिंघानिया बैंकिंग के लिए एक इनफ्लेशन प्वाइंट देख रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारा मानना ​​है कि वैश्विक मुद्रास्फीति और ब्याज दरें चरम पर हैं।" यदि दरें कम होती हैं, तो लिक्विडिटी में सुधार होना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक आर्थिक विकास के लिए अधिक संतुलित नजरिया अपना सकता है। इसके अतिरिक्त, बैंक अपने ऐतिहासिक प्राइस-टू-अर्निंग (PE) मल्टीपल्स पर उल्लेखनीय डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। यहां तक ​​कि बड़े बैंक भी 15 गुना से कम आय पर नजर आ रहे हैं। इससे ये स्टॉक आकर्षक बनाते हैं।

सम्मोहित करने वाला है बैंकिंग सेक्टर

उन्होंने कहा कि फार्मा पसंदीदा सेक्टर बना हुआ है, लेकिन ट्रेड टेंशन बड़ा है। सिंघानिया ने तर्क दिया, "अगर अमेरिका फार्मा आयात पर टैरिफ लगाता है, तो यह दिक्कत भरा हो सकता है। लेकिन मुझे संदेह है कि वे जेनेरिक दवाओं में कटौती कर सकते हैं - इससे उनकी लागत बढ़ जाएगी और शॉर्टेज पैदा होगी।"

सिंघानिया ने कहा कि जैसे-जैसे बाजार बदलते वैश्विक रुझानों के साथ तालमेल बिठा रहा है, बैंकिंग सेक्टर एक स्पष्ट लाभार्थी के रूप में उभर रहा है। सिंघानिया मानते हैं, ''क्या यह चलता है यह देखने वाली बात होगी,'' लेकिन यह एक सम्मोहन करने वाला सेक्टर है।

(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)

 

 

 

Sunil Gupta

Sunil Gupta

First Published: Feb 15, 2025 11:47 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।