Bharat Forge एक दशक से ज्यादा समय से नॉन-ऑटो बिजनेस में जगह बनाने की कोशिश करती आ रही है। अब उसकी कोशिशों का असर दिख रहा है। 21 अगस्त को कंपनी के शेयर का प्राइस 981 रुपये पर पहुंच गया, जो इसका ऑल-टाइम हाई है। 1 अप्रैल से यह स्टॉक 14 फीसदी चढ़ चुका है। इसकी वजह यह है कि इसकी सब्सिडियरी कंपनी को बख्तरबंद व्हीकल के चेसिस और कंपोनेंट बनाने का बड़ा ऑर्डर मिला है। इसके साथ ही नॉन-ऑटो बिजनेसेज में पिछली कुछ तिमाहियों में मिले ऑर्डर से पता चलता है कि कंपनी ऑटो सेक्टर पर अपनी निर्भरता कम करने की दिशा में बढ़ रही है।
नॉन-कोर बिजनेस के ऑर्डर्स बढ़ रहे हें
भारत फोर्ज के जून तिमाही के नतीजों से पता चलता है कि नॉन-कोर बिजनेस से जुड़े आर्डर बढ़ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर बिजनेसेज पर कंपनी ने पिछले एक दशक में फोकस किया है। अब प्रॉफिट और रेवेन्यू में योगदान करने के लिए ये तैयार हैं। इससे कंपनी को ऑटो सेक्टर में साइक्लिकल डाउनटर्न की भरपाई करने में भी मदद मिलेगी। कंपनी के कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू में एयरोस्पेस और डिफेंस से जुड़े ऑर्डर्स की हिस्सेदारी करीब 10-16 फीसदी पहुंच गई है। इनमें घरेलू मार्केट और फॉरेन मार्केट से मिले ऑर्डर शामिल हैं।
डिफेंस सिस्टम्स/सॉल्यूशंस और कंपोनेंट का एक्सपोर्ट फायदेमंद
कंपनी के मैनेजमेंट ने एनालिस्ट्स से बातचीत में कहा था कि डिफेंस सिस्टम्स/सॉल्यूशंस और कंपोनेंट का एक्सपोर्ट कंपनी के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। इसकी वजह यह है कि इसका रिटर्न ऑन एसेट इसके कोर ऑटो बिजनेस के मुकाबले ज्यादा है। कंपनी की ऑर्डर बुक 2,300 करोड़ रुपये की है। इसमें पिछली कुछ तिमाहियों में मिले ऑर्डर्स का बड़ा हाथ है। ये ऑर्डर्स 18 महीनों में पूरे हो जाएंगे। भारत फोर्ज के डिफेंस प्रोडक्ट्स को बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) हासिल है, जिससे एनालिस्ट्स को इस सेगमेंट से अच्छा प्रॉफिट हासिल होने की उम्मीद है।
एयरोस्पेस सेगमेंट पर भी बढ़ा फोकस
भारत फोर्ज तेजी से बढ़ते एयरोस्पेस सेगमेंट पर फोकस करने का फैसला किया है। इससे ऑटो पोर्टफोलियो को लेकर रिस्क करने में उसे मदद मिल रही है। ऑर्डर बढ़ने के साथ मैनेजमेंट को इस सेगमेंट से रेवेन्यू में साल दर साल आधार पर 30 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है। इसके अलावा कंपनी ऑयल एंड गैस और इंडस्ट्रियल सेक्टर पर जोर दे रही है, जिसके अच्छे नतीजे आ रहे हैं।
रेवेन्यू में ऑटो बिजनेस की 50% से ज्यादा हिस्सेदारी
अभी कंपनी के कुल रेवेन्यू में ऑटो बिजनेस की 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। कंपनी ने डोमेस्टिक पैसेंजर्स व्हीकल्स सप्लाई में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है। हालांकि, जून तिमाही में पीवी सेगमेंट को बिक्री में साल दर साला आधार पर गिरावट आई है। पिछले कुछ महीनों में सुस्ती के बाद डोमेस्टिक कमर्शियल व्हीकल्स की डिमांड बढ़ी है। इसके अलावा इमिशन के नए नियम और कमर्शियल व्हीकल्स में नई फ्लीट शामिल होने से भी भविष्य में अच्छी संभावना दिखती है।
अमेरिका से क्लास-8 ट्रकों की मांग स्थिर रहने की उम्मीद
जहां तक विदेश को सप्लाई का सवाल है तो भारत फोर्ज को यूएस क्लास-8 हेवी ड्यूटी ट्रक की मांग अगले 12-15 महीनों में स्थिर रहने की उम्मीद है। कंपनी के रेवेन्यू और प्रॉफिट में इन ट्रकों का बड़ा योगदान है। भारत फोर्ज के कुल रेवेन्यू में अमेरिका में क्लास-8 ट्रक की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है।