जेपी मॉर्गन (J.P.Morgan) ने भारतीय इक्विटी पर रेटिंग को डाउनग्रेड करते "अंडरवेट" ("underweight") कर दिया है और एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स (MSCI Emerging Markets index) के लिए अपने पूरे साल के पूर्वानुमान में कटौती की है। भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रास्फीति की चिंताओं और वैश्विक वित्तीय बाजारों पर पड़नेवाले असर की वजह से ब्रोकरेज ने ये कटौती की है।
ब्रोकरेज ने पहले भारतीय इक्विटी पर "न्यूट्रल" ("neutral") रेटिंग दी थी। तब इन्होंने कमजोर रुपये और ग्रोथ पर इसके प्रभाव, तेल जैसे कमोडिटीज की कीमतों में वृद्धि, पोर्टफोलियो से संभावित आउटफ्लो और डोमेस्टिक मोनेटरी टाइटनिंग साइकल का हवाला दिया था।
यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों के कारण कमोडिटी की कीमतें आसमान छू गई हैं। वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ता जा रहा है और इससे सरकारों और केंद्रीय बैंकों को अपनी मौद्रिक नीतियों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए विवश होना पड़ा है।
वहीं भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021/22 के लिए अपने ग्रोथ अनुमान को 9.2% से घटाकर 8.9% कर दिया।
J.P.Morgan को अब उम्मीद है कि एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट्स (MSCI emerging markets (EM) इंडेक्स साल के अंत तक 1,300 तक पहुंच जाएगा। हालांकि पहले इसके 1,500 तक रहने का अनुमान था। बुधवार को इंडेक्स 1,081 पर बंद हुआ था।
कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी और रूस को एमएससीआई ईएम इंडेक्स से बाहर रखने के कारण ब्रोकरेज को लगता है कि इस साल की अर्निंग कमजोर रहेगी।
एफटीएसई रसेल और एमएससीआई (FTSE Russell and MSCI) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वे अपने सभी इंडेक्स से रूसी शेयरों को हटा देंगे।
जेपी मॉर्गन के अर्थशास्त्रियों ने बुधवार को एक नोट में कहा कि हमारा विचार यह है कि ईएम इक्विटीज (EM equities)आउटपरफॉर्म कर सकती हैं।
JP Morgan के कंज्यूमर एंड कम्यूनिटी बैंकिंग के को-चीफ एक्जिक्यूटिव मैरिएन लेक (Marianne Lake) ने सितंबर में एक निवेशक सम्मेलन में ऐसा कहा था कि जेपी मॉर्गन के इन्वेस्टमेंट बैंक को विलय और अधिग्रहण में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन के साथ "बहुत मजबूत" माहौल से फायदा हुआ।