Momentum Investing में ये 3 टिप्स कराएंगे सबसे ज्यादा कमाई; जल्दी प्रॉफिट के साथ ही जल्दी लॉस के लिए भी रहें अलर्ट
Momentum Investing में इनवेस्टर्स को जल्दी पैसा बनाने का मौका मिलता है। लेकिन बिना किसी नियम के मूमेंटम के पीछे भागने से आपका पोर्टफोलियो बर्बाद भी हो सकता है
टेक्विटी इनवेस्टिंग के फाउंडर और सीआईओ अभिनीत कुलकर्णी ने मूमेंटम इनवेस्टिंग की खूबियों और खामियों के बारे में विस्तार से बताया है
Momentum Investing : स्टॉक मार्केट से जुड़े गुजरातियों के बीच एक चर्चित कहावत है- ‘बढ़ते हुए को खरीदो, जो गिर रहा है उसमें बिकवाली करो।’ इसका मतलब है कि ऐसे स्टॉक में खरीदारी बेहतर है जिसमें तेजी बनी हुई हो और इसके विपरीत कीमतों में गिरावट की स्थिति में बिकवाली करनी चाहिए। यकीनन इसे ही मूमेंटम इनवेस्टिंग (momentum investing) या ट्रेडिंग कहा जाता है। टेक्विटी इनवेस्टिंग के फाउंडर और सीआईओ अभिनीत कुलकर्णी ने मनीकंट्रोल के लिए लिखे एक लेख में ये बातें कही हैं।
इनवेस्टिंग और ट्रेडिंग में फर्क टाइमफ्रेम या समयसीमा का है, जिसके लिए आप एसेट्स को होल्ड करने का इरादा रखते हैं। यदि आप दिग्गज इनवेस्टर्स की बात को सुनें तो अच्छे स्टॉक्स को हमेशा के लिए होल्ड करना अच्छा होता है। यह सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन इस तरह की योजना को लागू करना आसान नहीं होता है।
वैल्यू और ग्रोथ इनवेस्टिंग पर अक्सर होती है बहस
बाजार में तेजी के दौरान अक्सर वैल्यू और ग्रोथ इनवेस्टिंग के फायदों को लेकर बहस होती दिखती है। दोनों के बीच बुनियादी अंतर सोच का है। ग्रोथ इनवेस्टर्स अच्छी कारोबारी संभावनाओं को खोजते हैं। ज्यादा राजस्व से ही ज्यादा प्रॉफिट मिलता है और इसीलिए स्टॉक्स में तेजी आती है।
दूसरी तरफ, वैल्यू इनवेस्टर्स एसेट्स को देखते हैं, जिससे तुरंत प्रॉफिट मिल सकता है। बोनस इश्यू, राइट इश्यू, मर्जर और डिमर्जर जैसे कॉर्पोरेट एक्शंस की वजह से वैल्यू अनलॉक होती है। डिमर्ज्ड कंपनियों के ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने पैरेंट या होल्डिंग कंपनियों की तुलना में खासा अच्छा रिटर्न दिया।
मूमेंटम इनवेस्टिंग (Momentum investing) काफी हद तक ग्रोथ इनवेस्टिंग से संबंधित है। भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। ऐसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में इनवेस्टर आम तौर पर ऊंचे वैल्युएशन मल्टीपल्स की ओर रुख करते हैं। वैल्युएशन मल्टीपल्स बढ़ने से कीमतें बढ़ती हैं।
1. इसमें इनवेस्टमेंट को तेजी से प्रॉफिट में बदलने का मौका मिलता है। यह रणनीति ऐसे इनवेस्टर्स के लिए सबसे अच्छी है जो लंबी अवधि के नजरिये से जुड़ी अनिश्चितताओं पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना चाहते।
2. बिजनेस साइकिल्स में कमी के माहौल में, लंबी अवधि का नजरिया रखना मुश्किल है। तकनीक के तेजी से विकास से इनवेस्टर्स को अपना पैसा जल्दी-जल्दी एक से दूसरी कंपनी में लगाने का मौका मिलता है।
3. एक आउटसाइडर बने रहकर बिजनेस को समझना मुश्किल है। कंपनी के इनसाइडर्स के पास ज्यादा जानकारियां होती हैं। मूमेंटम इनवेस्टिंग से आपको बिजनेस को गहराई से समझे बिना स्टॉक मार्केट में कमाई का मौका मिलता है।
मूमेंटम इनवेस्टिंग के नुकसान
1. यह काफी हद तक म्यूजिकल चेयर्स के खेल की तरह है। इसमें म्यूजिंग बंद होनने से पहले आपको अपनी पोजिशन सुनिश्चित करनी होती है।
2. मार्केट में कीमतों को लेकर जोड़तोड़ होती है। कई लोगों का समूह अपने हित में मिलकर कीमतों को बढ़ाते रहते हैं। ऐसी रैली इनवेस्टर्स के लिए अक्सर नुकसानदेह होती है। इसमें ऑपरेटर्स/ इनसाइडर्स बाहर निकल जाते हैं और जब म्यूजिक बंद होता है तो छोटे निवेशक अपने स्टॉक्स में फंसे रह जाते हैं। तब तक कीमत उनके खरीद मूल्य से काफी नीचे आ जाती है।
3. मूमेंटम वाले स्टॉक्स के फंडामेंटल अच्छे हों, ऐसा जरूरी नहीं है। अगर समय से एग्जिट नहीं कर पाते हैं तो उतार-चढ़ाव वाले दौर में इन शेयरों को पोर्टफोलियो में रखना मुश्किल हो जाएगा।
4. इस रणनीति के लिए आपकी बाजार में ज्यादा भागीदारी जरूरी होगी।
5. अगर आप किसी बुजुर्ग व्यक्ति से पूछें तो वह आपको स्टॉक मार्केट में निवेश से मना करेंगे। मेरे अनुभव में, कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई डुबाई और जल्दबाजी में फैसले लेते रहे।
मूमेंटम इनवेस्टिंग में रखें इन बातों का ध्यान
1. टेक्निकल एनालिसिस का व्यापक रूप से इस्तेमाल करें, जो पूरी तरह प्राइस मूवमेंट्स पर आधारित है। मूमेंटम के खेल में सफल होने के लिए इंडिकेटर्स और ऑसिलेटर्स को समझना जरूरी है।
2. अपने एनालिसिस में फंडामेंटल को लाने की कोशिश न करें। फंडामेंटल को जानना अच्छा हो सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं कि मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में मूवमेंट पर आधारित कमाई के मौके मिलें।
3. सेक्टोरल मूवमेंट से आपको इस बात की अच्छी समझ मिलती है कि बाजार के प्रतिभागी किस तरह से सोच रहे हैं।
कोविड-19 महामारी जब पीक पर थी, उस समय फार्मास्युटिकल शेयरों ने अच्छा रिटर्न दिया। इसी प्रकार, लॉकडाउन खत्म होने के बाद टूरिज्म स्टॉक्स ने तगड़ी वापसी की। यदि आप एक सेक्टर में दो स्टॉक्स में मूमेंटम की पहचान करते हैं तो ऐसे कुछ स्टॉक्स में पोजिशन लेना फायदेमंद होता है।