BSE 500 Stocks: कमजोर अर्निंग,महंगे वैल्यूएशन और विदेशी निवेशकों की बकवाली से ब्रॉडर मार्केट पर दबाव बना है। इसके चलते घरेलू इक्विटी बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले साल BSE 500 इंडेक्स के लगभग 75 फीसदी शेयरों ने सपाट या निगेटिव रिटर्न दिया है। इस इंडेक्स में शामिल 500 में से लगभग 370 शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। 50 शेयरों में मामूली बढ़त देखने को मिली है।
इस अवधि के दौरान बीएसई 500 में लगभग 3 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि सेंसेक्स और निफ्टी में एक-एक प्रतिशत की गिरावट आई है। व्यापक केरक्शन के बावजूद, इन कमजोर प्रदर्शन करने वाले शेयरों में से लगभग आधे अभी भी वन ईयर फॉर्वड बेसिस पर अपने लॉन्ग टर्म प्राइस-टू- अर्निंग्स मल्टिपल से ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों के वैल्यूएशन काफी महंगे
कई एनालिस्ट्स का मानना है कि 2023-24 में आई जोरदार तेज़ी के बाद कई मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों के वैल्यूएशन काफी महंगे हो गए, जिसकी वजह से हालिया गिरावट आई है। कमज़ोर ग्रामीण मांग,बढ़ते आयात और निर्यात में परेशानियों की वजह से कंपनियों की आय में गिरावट हुई है। इससे मार्केट सेंटीमेंट और कमज़ोर हुआ है। इन फैक्टर्स की वजह से बेंचमार्क इंडेक्सों में शामिल लार्ज कैप शेयरों पर भी दबाव बना है।
भू-राजनीतिक चिंताओं ने बढ़ाई बाजार की बेचैनी
भू-राजनीतिक चिंताओं ने बाजार की बेचैनी बढ़ा दी है। भारतीय वस्तुओं पर नए अमेरिकी टैरिफ के चलते देश में विदेशी निवेश घटा है। अच्छी बात यह है कि सरकार के जीएसटी स्लैब में कटौती करने के कदम से 2-2.4 लाख करोड़ रुपये की खपत बढ़ने की उम्मीद है। इससे जीडीपी ग्रोथ को सपोर्ट मिल सकता है। बाजार जानकारों का यह भी कहना है कि सितंबर तिमाही के मजबूत नतीजों और बेहतर होते मैक्रो संकेतों से विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भागीदारी फिर से बढ़ सकती है।
गिरावट में खोजें खरीदारी के मौके
वैश्विक संकेत अभी भी अहम बने हुए हैं। निवेशकों की नज़र अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर है। अगर ब्याज दरों में कटौती उम्मीद से कम रहती है या फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणी आक्रामक रहती है तो बाजार वोलैटिलिटी बढ़ सकती है। हालांकि,एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि बाजार में कोई भी शॉर्ट टर्म गिरावट लंबे नजरिए से खरीदारे के अच्छे मौके दे सकती क्योंकि इस तरह की गिरावट से वैल्यूएशन अच्छे हो जाते हैं।
BSE 500 के सबसे ज़्यादा गिरावट वाले शेयर
BSE 500 के सबसे ज़्यादा गिरावट वाले शेयरों में आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल 74 फीसदी से ज़्यादा लुढ़क गया है, जबकि स्टर्लिंग एंड विल्सन रिन्यूएबल एनर्जी और तेजस नेटवर्क्स में 64 प्रतिशत और 54 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरे बड़े गिरावट वाले शेयरों में एचएफसीएल, सीमेंस, इंडसइंड बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, नैटको फार्मा, प्राज इंडस्ट्रीज, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और अदानी ग्रीन एनर्जी शामिल हैं।
BSE 500 के सबसे ज़्यादा बढ़त वाले शेयर
वहीं, इस दौरान आई तेजी कुछ ही फाइनेंशियल और सरकारी शेयरों तक सीमित रही है। बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक और चुनिंदा सरकारी बैंकों के साथ-साथ कुछ एनर्जी कंपनियों ने भी इंडेक्स को सपोर्ट दिया है।
चुनिंदा क्वालिटी शेयरों पर ही फोकस करने की सलाह
चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव एनालिस्ट हार्दिक मटालिया का कहना है कि निवेशकों को चुनिंदा क्वालिटी शेयरों पर ही फोकस करना चाहिए तथा ब्रॉड बेस्ड खरीदारी करने के बजाय, बाजार को लीड कर रहे सेक्टरों के तकनीकी ब्रेकआउट के संकेत देने वाले बेहतर मोमेंटम वाले फंडामेंटली मजबूत शेयरों पर फोकस करना चाहिए।
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