BSE share price : BSE के शेयर में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है। BSE में आई इस गिरावट का NSE से बड़ा कनेक्शन है। NSE ने एक्सपायरी का दिन बदल दिया है। NSE पर अब गुरुवार के बजाए सोमवार को एक्सपायरी होगी। NSE पर अब वीकली और मंथली दोनों एक्सपायरी सोमवार को होगी। बैंक निफ्टी की मंथली एक्सपायरी भी सोमवार को ही होगी। FINNIFTY, मिडकैप और निफ्टी नेक्स्ट 50 की एक्सपायरी भी बदली गई है। फिन निफ्टी,मिडकैप निफ्टी,निफ्टी नेक्स्ट 50 की एक्सपायरी भी सोमवार को ही होगी। ये सभी बदलाव 4 अप्रैल से लागू होंगे।
निफ्टी ने क्यों बदली एक्सपायरी?
एक्सपायरी पर BSE के वॉल्यूम बढ़ रहे थे। BSE के इंडेक्स की एक्सपायरी मंगलवार को होती है। सोमवार से पहले तो कोई एक्सपायरी हो नहीं सकती। NSE के इस कदम से BSE के बढ़ते वॉल्यूम पर लगाम लगने की आशंका है। अब NSE के मास्टस्ट्रोक पर BSE के एक्शन का इंतजार है।
एक्सपायरी पर औसत वॉल्यूम के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिसंबर में NSE पर औसत वॉल्यूम 3.88 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं, BSE पर औसत वॉल्यूम 0.12 लाख करोड़ रुपए रहा है। जनवरी में NSE पर औसत वॉल्यूम 3.70 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं, BSE पर औसत वॉल्यूम 2.75 लाख करोड़ रुपए रहा है। फरवरी में NSE पर औसत वॉल्यूम 3.72 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं, BSE पर औसत वॉल्यूम 3.72 लाख करोड़ रुपए रहा है।
F&O में SEBI के सख्त नियमों का असर
F&O में SEBI के सख्त नियमों से भी औसत डेली टर्नओवर पर निगेटिव असर पड़ा है। फरवरी 2025 F&O में औसत डेली टर्नओवर 1.82 लाख करोड़ रुपए रहा। नवंबर के स्तर से इसमें 46 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, जनवरी 2025 F&O में औसत डेली टर्नओवर 1.92 लाख करोड़ रुपए रहा। नवंबर के स्तर से इसमें 43 फीसदी की गिरावट आई है। दिसंबर 2024 F&O में औसत डेली टर्नओवर 2.09 लाख करोड़ रुपए रहा। नवंबर के स्तर से इसमें 38 फीसदी की गिरावट आई है। नवंबर 2024 F&O में औसत डेली टर्नओवर 3.35 लाख करोड़ रुपए रहा था।
F&O में क्यों घटे वॉल्यूम
F&O में वॉल्यूम घटने की वजह पर नजर डालें तो F&O पर SEBI के सख्त नियमों ने दबाव बनाया है। नवंबर में मार्जिन बढ़ाने का फैसला लिया गया। इंडेक्स फ्यूचर्स में कॉन्ट्रैक्ट साइज भी बढ़ा दिया गया है। अब हर हफ्ते एक एक्सचेंज की सिर्फ एक एक्सपायरी होती है। कैलेंडर स्प्रेंड पर मार्जिन का फायदा खत्म हो गया है।
इस मुद्दे पर बात करते हुए NSE के CBDO श्रीराम कृष्णन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड को ध्यान में रखते हुए एक्सपायरी के दिन में बदलाव किया गया है। वीकेंड में कई बड़ी घटनाएं होती है, उसका असर पड़ता है। कई ग्लोबल एक्सचेंजेज ने सोमवार को एक्सपायरी रखी है। ट्रेडिंग को लेकर नजरिये में काफी बदलाव हुआ है है। इसको ध्यान में रखते हुए एक्सपायरी के दिन में बदलाव किया गया है।