Budget 2023 : अगले महीने केंद्र सरकार का बजट पेश होने से पहले स्टॉक मार्केट इनवेस्टर्स आने वाले चुनौतीपूर्ण महीनों के लिए खुद को तैयार करते दिख रहे हैं। दरअसल, इकोनॉमिक ग्रोथ (economic growth) लगातार सुस्त हो रही है और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार पर एक बार फिर से दबाव बढ़ रहा है। बीते साल ज्यादातर एशियाई और इमर्जिंग मार्केट्स को पीछे छोड़ने के बाद, भारत का 3.4 लाख करोड़ डॉलर का स्टॉक मार्केट 2023 में कमजोर पड़ता दिख रहा है। दरअसल, चीन की इकोनॉमी के फिर से खुलने से ग्लोबल फंड्स इस उत्तर एशिया बाजार पर दांव लगा रहे हैं।
बजट से पहले के महीने में औसतन 1 फीसदी टूटता रहा है बाजार
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, अतीत पर नजर डालें तो सरकार के आम बजट से पहले बाजारों का प्रदर्शन ज्यादातर सपाट ही रहा है। 2003 के बाद से बजट से पहले के महीने में बाजार में औसतन 1 फीसदी की गिरावट रही है।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के एनालिस्ट नितिन चंदूका के मुताबिक, इस साल दूसरे दक्षिण एशियाई बाजारों की तुलना में चीन का स्टॉक मार्केट बेहद सस्ते वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है। यही वजह कि ग्लोबल फंड्स अब चीन का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा, भारतीय बाजार फॉरवर्ड पीई की तुलना में 20 गुने पर कारोबार कर रहे हैं, जो चीन के इक्विटी मार्केट तुलना में दोगुना है। इसलिए विकल्प स्पष्ट है।
दिसंबर के हाई से 5 फीसदी टूटा बाजार
भारतीय बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स (BSE Sensex Index) दिसंबर के हाई से लगभग 5 फीसदी टूट चुका है। वहीं, इस महीने में 9 जनवरी तक फॉरेन फंड्स भारत में 59.5 करोड़ डॉलर की बिकवाली कर चुके हैं। बीते दो साल के दौरान भारत के स्टॉक्स ने ज्यादातर बड़े बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया, क्योंकि महामारी के दौरान व्यक्तिगत इनवेस्टर्स की तरफ से खासा निवेश आया था।
विदेशी निवेशकों का कैसा रहेगा रुख
मुंबई बेस्ड पिपर सेरिका एडवाइजर्स के एक फंड मैनेजर अभय अग्रवाल ने कहा, विदेशी निवेशकों की बिकवाली तेज हो रही है, लेकिन चिंता की बात यह है कि वह सभी सेक्टर्स में पोजिशन घटा रहे हैं। उन्होंने कहा, 2022 के दौरान ग्लोबल फंड्स की अच्छी हिस्सेदारी मिली, लेकिन इस साल ऐसा होने की उम्मीद कम ही है।