Bullish on India : बैंकरों और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत के आईटी सेक्टर को ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), प्रोडक्शन और सर्विस सेक्टर में हो रहे फंडिंग से मदद मिल रही। आगे आईटी सेक्टर में जोरदार ग्रोथ देखने को मिलेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि विकसित होते भारत और भारतीयों की इच्छाओं और आकांक्षाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस बदलाव ने सीधे तौर पर आईटी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा दिया है।
अनुभवी बैंकर और NaBFID (नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट के चेयरमैन केवी कामथ का कहना है कि पिछले 10-15 वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ते सेक्टर में से एक डेटा और आईटी भी रहे हैं। इस दौरान हमने लोगों में टेलीफोन से मोबाइल फोन तक की प्रगति करते देखा है।
इसी तरह,एचडीएफसी बैंक की प्रींसिपल इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता का कहना है कि आईटी सेक्टर में भारत की विकास की कहानी रोमांचक है। भारत में ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और आईटी इंडस्ट्री में बड़े पैमाने की ग्रोथ देखने को मिली है। प्रोफेशनल सर्विसेज और कंसल्टेंसी ऐसे सेक्टर हैं जिनमें भारत लीडिंग पोजीशन में है।
आईटी इंडस्ट्री के संगठन नैसकॉम का कहना है कि कमजोर सेंटीमेंट और फैसले लेने में देरी के बावजूद भारत का आईटी एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना में तेजी से बढ़ा है। नैसकॉम ने जून 2022 में जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत में आईटी सेक्टर का एक्सपोर्ट 11.4 फीसदी बढ़कर 19400 करोड़ रुपये (194 अरब डॉलर) हो जाएगा। वित्त वर्ष 2023 में भारत में आईटी सेक्टर की आय 9.4 फीसदी की बढ़त के साथ 24,500 करोड़ रुपए (245 अरब डॉलर) रही।
इसी तरह, एक बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आईटी क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में सबसे बड़ा बदलाव डिजिटल भुगतान के बढ़ते इस्तेमाल के रूप में देखने को मिला है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 10 अगस्त को कहा है कि वह एआई के जरिए से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई)पर संवादात्मक भुगतान (conversational payments) पर विचार करेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 10 अगस्त को एमपीसी के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई पर संवादात्मक भुगतान उपयोगकर्ताओं को एआई सिस्टम के साथ बोल कर भुगतान करने की सुविधा देगा। बैंकरों और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस तरह की नई टेक्नोलॉजी का प्रसार बढ़ने से आईटी सेक्टर के लिए ग्रोथ के व्यापक मौके बनेंगे।
आरबीआई के इस ऐलान के अलावा प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के कई बैंक अपनी डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने के लिए एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) टूल का इस्तेमाल करके अपनी तकनीक कुशलता बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। भारत में बैंक तेजी से अपने कामकाज में एआई बेस्ड सर्विसेज को शामिल कर रहे हैं। चैटबॉट्स का उपयोग करने से लेकर फिनटेक फर्मों के साथ डील तक बैंक यह पता लगा रहे हैं कि नए जमाने की तकनीक को कैसे शामिल किया जाए।
देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर के बैंक एचडीएफसी बैंक के पास अपना चैटबॉट ईवा है। यह ग्राहकों और गैर-ग्राहकों को एचडीएफसी बैंक की बैंकिंग सेवाओं के बारे में जानकारी देता है। इसी तरह, एक्सिस बैंक कस्टमर्स के साथ संचार सेवाओं को बढ़ाने के लिए ChatGPT के एंटरप्राइज वेरिएंट का उपयोग करने पर भी विचार कर रहा है। वहीं देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि अपने कामकाज में बिजनेस एनालिटिक्स, AI और ML के उपयोग को बढ़ाएगा।